वेरिकोस वेन्स क्या है? क्यों होती है? उपचार और केयर

Varicose Veins



वेरिकोस वेन्स – पहले संक्षेप में

वेरिकोस वेन्स (Varicose Veins) पैरों, टखनों (ankles), या तलवों (feet) में त्वचा के नीचे सूजी हुई नसें होती हैं।

जब नसों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और वाल्व (valves) सही से काम नहीं करते, तो खून वापस नसों में जमा हो जाता है।

इससे नीले या बैंगनी रंग की सूजी हुई गाठें दिखाई देती हैं।

उपचार से राहत मिल सकती है, लेकिन यह समस्या दोबारा हो सकती है।

ज्यादातर लोगों के लिए वेरिकोस वेन्स गंभीर समस्या नहीं होती हैं।

अब वेरिकोस वेन्स के बारे में विस्तार से जानेंगे। वेरिकोस वेन्स से सम्बंधित मेडिकल शब्दों को समझने में आसानी हो, इसलिए आर्टिकल में जगह-जगह उनके अंग्रेज़ी शब्द और हिंदी अर्थ अलग ब्लॉक्स में दिए गए हैं।


वेरिकोस वेन्स – Varicose Veins

वेरिकोस वेन्स के इस पोस्ट में क्या हैं? – Index

वेरिकोस वेन्स से सम्बंधित इस पोस्ट में जिन बातों को हम विस्तार से देखेंगे वो है :

Part 1 – वेरिकोस वेन्स के लक्षण, कारण, रिस्क फैक्टर्स और कॉम्प्लीकेशन्स

वेरिकोस वेन्स की बेसिक जानकरी:
वेरिकोस वेन्स क्या हैं?

लक्षण, कारण और जटिलताएँ:
वेरिकोस वेन्स के लक्षण क्या हैं?
वेरिकोस वेन्स (Varicose Veins) कहाँ दिखती हैं?
वेरिकोस वेन्स क्यों होती हैं?
उसके रिस्क फैक्टर्स क्या है?
वेरिकोस वेन्स के कॉम्प्लीकेशन्स कौन से हैं?

Part 2 – वेरिकोस वेन्स का निदान, टेस्ट, उपचार और देखभाल

निदान और उपचार:
वेरिकोस वेन्स का निदान कैसे किया जाता है?
कौन कौन से टेस्ट किए जाते हैं?
वेरिकोस वेन्स का इलाज कैसे किया जाता है?
क्या इलाज के बाद वेरिकोस वेन्स वापस आ सकती हैं?

रोकथाम, केयर, देखभाल:
वेरिकोस वेन्स में अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें?

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
वेरिकोस वेन्स की आपातकालीन स्थिति में क्या करें?


Varicose Veins – Part 1

वेरिकोस वेन्स क्या हैं?

वेरिकोस वेन्स (Varicose Veins) का मतलब है पैरों, टखनों या तलवों में त्वचा के ठीक नीचे सूजी हुई नसें।

ये वेन्स आमतौर पर पैरों में दिखाई देती हैं, क्योंकि पैरों की नसों को खून को वापस दिल तक पहुँचाने के लिए ग्रेविटी अर्थात गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध काम करना पड़ता है।

जब वेन्स की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और वाल्व सही से काम नहीं करते, तो खून वापस नसों में जमा हो जाता है।

इसलिए ये नीली या बैंगनी गांठ या उभरी हुई पाइप के रूप में अक्सर पैरों, टखनों और तलवों में दिखाई देती हैं।

यह दर्दनाक या खुजली वाली हो सकती हैं।

स्पाइडर वेन्स (Spider Veins) अक्सर वेरिकोस वेन्स के आसपास होती हैं। ये छोटी, लाल या बैंगनी रेखाओं की तरह त्वचा की सतह के करीब दिखाई देती हैं।

आपको वेरिकोस वेन्स का लुक या एहसास पसंद नहीं हो सकता, लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए ये खतरनाक नहीं होती।

हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में, वेरिकोस वेन्स ब्लड क्लॉट्स (blood clots) जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

ज्यादातर वेरिकोस वेन्स के लक्षणों को आप घर पर ही राहत दे सकते हैं।

अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो, तो इंजेक्शन, लेजर थेरेपी या सर्जरी जैसे इलाज की जरूरत हो सकती है।

  • एंकल – ankle – टखना
  • काफ – calf, calves – पिंडली
  • ब्लड क्लॉट्स – blood clots – रक्त के थक्के

वेरिकोस वेन्स, वेन्स से सम्बंधित एक रोग है। वेन्स, जिसे हिंदी में नसें या शिराएँ कहते है, के बारें में विस्तार से पढ़ने के लिए, साथ ही साथ उनके प्रकार, समस्याएँ, उनकी देखभाल कैसे करें, आदि जानकारी के लिए क्लिक करें:

व्हेन्स – नसें क्या है? समस्याएँ, उपचार और केयर


वेरिकोस वेन्स के लक्षण

  • पैरों में दर्द और भारीपन
  • पैरों में खुजली और जलन
  • टखनों के आसपास सूजन
  • लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने पर दर्द बढ़ना
  • रात में पैरों में ऐंठन
  • त्वचा का रंग बदलना या काला पड़ना

वेरिकोस वेन्स के लक्षण क्या हैं?

वेरिकोस वेन्स का सबसे सामान्य संकेत त्वचा की सतह के ठीक नीचे उभरी हुई, नीली या बैंगनी नसें हैं।

इसके लक्षणों में शामिल हैं:

उभरी हुई नसें:

मुड़ी-तुड़ी, सूजी हुई और रस्सी जैसी नसें, जो नीली या बैंगनी होती हैं।

ये पैरों, टखनों और तलवों पर त्वचा की सतह के नीचे दिखती हैं। ये समूहों में भी विकसित हो सकती हैं।

स्पाइडर वेन्स (Spider Veins) जैसी छोटी लाल या नीली रेखाएं पास में दिखाई दे सकती हैं।

भारीपन महसूस होना:

पैरों की मांसपेशियों में भारीपन, थकान या सुस्ती महसूस हो सकती है, खासकर शारीरिक गतिविधि के बाद।

खुजली:

वेरिकोस वेन्स के आसपास का क्षेत्र में खुजली या जलन।

दर्द:

पैरों में दर्द, अकड़न, भारीपन या थकावट महसूस हो सकती है, खासकर जब खड़े होकर काम करते हैं।

लंबे समय तक खड़े रहने या लंबे समय तक बैठे रहने पर दर्द बढ़ना।

मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है। रात में पैरों में मरोड़ पड़ना।

सूजन:

पैरों में खासकर टखनों के आसपास सूजन दिखाई देना, खासकर दिन के अंत में।

पैरों, टखनों और तलवों में सूजन के साथ साथ धड़कन महसूस हो सकती है।

त्वचा का रंग बदलना और अल्सर:

बिना इलाज के वेरिकोस वेन्स त्वचा का रंग बदल सकती है, खासकर टखनों के आसपास।

गंभीर वेरिकोस वेन्स त्वचा पर वीनस अल्सर (venous ulcers) या घाव पैदा कर सकती हैं।

नोट: अगर ये लक्षण बढ़ रहे हों या असुविधा ज्यादा हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर निदान और इलाज से जटिलताओं को रोका जा सकता है।


वेरिकोस वेन्स (Varicose Veins) कहाँ दिखती हैं?

  • पैरों में
  • खासकर पिंडलियों, एड़ियों और टखनों के आसपास।

वेरिकोस वेन्स अक्सर शरीर के निचले हिस्से में विकसित होती हैं, खासकर पिंडलियों (calves), टखनों (ankles), और तलवों (feet) में।

कभी-कभी ये अन्य जगहों पर भी हो सकती हैं, लेकिन पैरों में सबसे आम हैं।

यह पेल्विक एरिया (pelvic area) में भी हो सकती हैं, जिसे पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome) कहते हैं, खासकर गर्भावस्था के दौरान या बाद में।

पाइल्स (Hemorrhoids), जो रेक्टम (rectum) में बनती हैं, भी वेरिकोस वेन्स का एक प्रकार हैं।

कभी-कभी ये हाथों और अन्य हिस्सों में भी हो सकती हैं, लेकिन ऐसा कम होता है।


वेरिकोस वेन्स के कारण

  • नसों की दीवारों में कमजोरी
  • नसों के एलास्टिसिटी (लचीलापन) में कमी
  • नसों में स्थित वाल्व कमजोर

वेरिकोस वेन्स क्यों होती हैं?

वेरिकोस वेन्स तब होती हैं जब वेन्स की दीवारें कमजोर हो जाती हैं।

जब नसों में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो कमजोर दीवारें फैल जाती हैं।

वेन्स में स्थित वाल्व खून को एक ही दिशा में, दिल की ओर, बहने में मदद करते हैं।

जैसे-जैसे नस फैलती है, उसमें मौजूद वाल्व (valves), जो खून को एक दिशा में ले जाने का काम करते हैं, ठीक से काम नहीं कर पाते।

इससे खून नस में धीमा हो जाता है या जमा होने लगता है, जिससे नस सूज जाती है, उभरती है और मुड़ जाती है।

नसों की दीवारें और वाल्व कमजोर होने के कारण है:
उम्र बढ़ना,
लंबे समय तक खड़े रहना,
हार्मोन्स (hormones),
ज्यादा वजन, और
निचे दिए गए रिस्क फैक्टर्स का होना।


वेरिकोस वेन्स के रिस्क फैक्टर्स

  • उम्र, 50 वर्ष से अधिक उम्र
  • लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने वाला काम
  • कम शारीरिक गतिविधि
  • मोटापा या अधिक वजन
  • गर्भावस्था, हार्मोन्स में बदलाव
  • वंशानुगत कारणों से, परिवार में किसी को वेरिकोस वेन्स
  • धूम्रपान

वेरिकोस वेन्स के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?

कोई भी वेरिकोस वेन्स विकसित कर सकता है, लेकिन कुछ कारक इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

उम्र (Age):

उम्र बढ़ने के साथ नसों की दीवारें और वाल्व ठीक से काम नहीं करते।

नसें अपनी लचीलापन (elasticity) खो देती हैं और कठोर हो जाती हैं।

इसलिए उम्र बढ़ने के साथ नसें कमजोर हो जाती हैं, उनका लचीलापन कम होता जाता है और खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है।

हार्मोन्स (Hormones):

गर्भावस्था (pregnancy), बर्थ कंट्रोल पिल्स (birth control pills) लेने, या मेनोपॉज (menopause) के कारण हार्मोन स्तर में बदलाव से भी वेरिकोस वेन्स का खतरा बढ़ता है।

गर्भावस्था (Pregnancy):

गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है और गर्भाशय नसों पर दबाव डालता है और पैरों के नसों में खून बढ़ जाता है।

पारिवारिक इतिहास (Family History):

अगर आपके परिवार में यह समस्या है, तो आपको भी यह हो सकती है।

जीवनशैली (Lifestyle) – लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना (Prolonged standing or sitting):

लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना रक्त प्रवाह को धीमा कर देता है।

स्वास्थ्य (Overall Health):

कुछ स्वास्थ्य स्थितियां नसों में दबाव बढ़ा सकती हैं।

तंबाकू का उपयोग (Tobacco Use):

तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने वाले लोगों में वेरिकोस वेन्स होने का खतरा ज्यादा होता है।

मोटापा (Obesity) या अधिक वजन (Overweight):

अधिक वजन रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है।


वेरिकोस वेन्स के कॉम्प्लीकेशन्स

  • घाव या अल्सर
  • रक्तस्राव
  • त्वचा का काला पड़ना
  • फ्लेबाइटिस, सुपरफिशियल थ्रॉम्बोफ्लेबाइटिस
  • डीप वेन थ्रॉम्बोसिस
  • पल्मनरी एम्बोलिज्म

वेरिकोस वेन्स से क्या कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं?

ज्यादातर लोगों को वेरिकोस वेन्स से कोई गंभीर जटिलता नहीं होती।

लेकिन अगर इलाज न किया जाए, तो ये घाव (ulcers), खून बहना (bleeding), सूजन (inflammation) या त्वचा के रंग में बदलाव (skin discoloration) जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

घाव या अल्सर (Ulcers): त्वचा पर खासकर टखनों के आसपास लंबे समय तक ठीक न होने वाले घाव हो सकते हैं।

रक्तस्राव (Bleeding): उभरी हुई नसें कभी-कभी फट सकती हैं और खून बह सकता है।

गंभीर वेरिकोस वेन्स क्रॉनिक वेनस इंसफिशियंसी (Chronic Venous Insufficiency – CVI) का संकेत हो सकती हैं, जिसमें नसें दिल तक खून को पंप करने में असमर्थ होती हैं।

वेरिकोस वेन्स वाले लोगों में खून के थक्के (blood clots) बनने का खतरा अधिक हो सकता है।

डॉक्टर को वेरिकोस वेन्स के बारे में बताना जरूरी है ताकि वे क्लॉटिंग डिसऑर्डर्स की जांच और निगरानी कर सकें। इनमें शामिल हैं:

सुपरफिशियल थ्रॉम्बोफ्लेबाइटिस (Superficial Thrombophlebitis):

खून के थक्के वेरिकोस वेन्स के अंदर बन सकते हैं, जिससे सुपरफिशियल वेनस थ्रॉम्बोसिस (Superficial Venous Thrombosis) या सुपरफिशियल थ्रॉम्बोफ्लेबाइटिस होता है।

यह दर्दनाक है लेकिन आमतौर पर खतरनाक नहीं है और इसका इलाज संभव है।

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT):

वेरिकोस वेन्स वाले लोगों में डीवीटी का खतरा बढ़ जाता है, जो शरीर के अंदर गहरी नस में खून का थक्का होता है, जो खतरनाक हो सकता है।

पल्मनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism):

शरीर में बना खून का थक्का (अक्सर डीवीटी से) फेफड़ों तक पहुंच सकता है।

पल्मनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा स्थिति है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

  • इन्फ्लमेशन – inflammation – सूजन
  • अल्सर – ulcer – घाव
  • ब्लड क्लॉट्स – blood clots – खून के थक्के

Varicose Veins – Part 2

डायग्नोसिस और टेस्ट

  • डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच
  • मरीज के लक्षणों का विवरण
  • पारिवारिक इतिहास की जानकारी
  • खड़े होने और चलने की स्थिति में जांच
  • पैरों की सूजन की जांच
  • त्वचा में बदलाव की जांच

वेरिकोस वेन्स का निदान कैसे किया जाता है?

डॉक्टर आमतौर पर आपके पैरों की जांच करके और आपके लक्षणों के बारे में पूछकर वेरिकोस वेन्स का निदान कर सकते हैं।

वेरिकोस वेन्स त्वचा की सतह के पास होती हैं और इन्हें आसानी से देखा जा सकता है।

इसलिए डॉक्टर इसे एक फिजिकल एग्जामिनेशन (physical examination) के दौरान पहचान सकते हैं।

वे आपकी नसों को महसूस करेंगे और बैठते और खड़े होते समय उन्हें देखेंगे।

साथ ही, वे आपके मेडिकल हिस्ट्री, फॅमिली हिस्ट्री, जीवनशैली और लक्षणों के बारे में भी सवाल पूछ सकते हैं।

वेरिकोस वेन्स का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं?

आमतौर पर, वेरिकोस वेन्स का निदान करने के लिए अतिरिक्त डायग्नोस्टिक टेस्ट्स की जरूरत नहीं होती।

अगर आपकी नसों की अधिक जानकारी चाहिए या जटिलताओं का पता लगाना हो, तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करने की सलाह दे सकते है।

यह एक सुरक्षित और दर्दरहित टेस्ट है, जो साउंड वेव्स (ध्वनि तरंगों) की मदद से शरीर के अंदरूनी हिस्सों की तस्वीरें दिखाता है।

डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड (Duplex ultrasound): यह टेस्ट नसों में खून के प्रवाह की जांच करता है और यह दिखा सकता है कि वाल्व ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। यह टेस्ट यह भी पता लगा सकता है कि कहीं रक्त का थक्का (blood clots) तो नहीं है।

वीनोग्राफी (Venography) (कभी-कभी किया जाता है): नसों में एक विशेष डाई डालकर X-ray के जरिए उनकी स्थिति का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट अब कम ही किया जाता है, क्योंकि अल्ट्रासाउंड ज्यादातर मामलों में पर्याप्त होता है।


वेरिकोस वेन्स का मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट

  • जीवनशैली में बदलाव
  • कंप्रेशन स्टॉकिंग्स
  • दवाएं
  • स्क्लेरोथेरेपी
  • लेजर सर्जरी
  • एंडोवेनस एब्लेशन, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन
  • वेन स्ट्रिपिंग, नस निकालने की सर्जरी

वेरिकोस वेन्स का इलाज कैसे किया जाता है?

हालांकि वेरिकोस वेन्स का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही उपचार से यह बेहतर दिख सकती हैं और आपको आराम महसूस हो सकता है।

ज्यादातर मामलों में, इलाज के बाद आप उसी दिन घर जा सकते हैं।

वेरिकोस वेन्स के इलाज में शामिल हैं:

जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes):

लंबे समय तक खड़े रहने या पैर लटकाकर बैठने से बचें।

नियमित व्यायाम करें ताकि खून का प्रवाह बेहतर हो।

वजन नियंत्रित रखें।

पैर ऊपर उठाकर आराम करें।

एलीवेशन (Elevation):

खून के प्रवाह को बेहतर बनाने और नसों पर दबाव कम करने के लिए दिन में कई बार अपने पैरों को कमर से ऊपर उठाएं।

इलास्टिक स्टॉकिंग्स (Elastic Stockings):

सपोर्टिव स्टॉकिंग्स या सॉक्स आपकी नसों को दबाव देते हैं और असुविधा को कम करते हैं।

यह दबाव नसों को फैलने से रोकता है, खून के प्रवाह को सही दिशा में बनाए रखने में मदद करता है यानी की खून के प्रवाह को सुधारता है।

ये सूजन और दर्द को कम करने में भी मदद करते हैं।

इंजेक्शन थेरेपी (Sclerotherapy):

इस प्रक्रिया में डॉक्टर आपकी नस में एक सॉल्यूशन इंजेक्ट करते हैं।

यह सॉल्यूशन नस की दीवारों को एक साथ चिपका देता है।

धीरे-धीरे नस स्कार टिशू (scar tissue) में बदल जाती है और गायब हो जाती है।

लेजर थेरेपी (Laser Therapy):

इसमें लेजर से नसों को बंद किया जाता है। यह प्रक्रिया छोटी वेरिकोस वेन्स के लिए उपयुक्त होती है।

यह एक मिनिमली इनवेसिव (minimally invasive) प्रक्रिया जिसे एंडोवेनस थर्मल एब्लेशन (Endovenous Thermal Ablation) कहते हैं, और इसमें डॉक्टर एक कैथेटर (catheter – पतली, लंबी ट्यूब) और लेजर का उपयोग करके क्षतिग्रस्त नस को बंद कर देते हैं।

सर्जरी (Surgery):

अगर वेरिकोस वेन्स बहुत बड़ी हैं, तो उन्हें हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। इसे वेन स्ट्रिपिंग या फलेबेक्टॉमी कहा जाता है।

एंबुलेटरी फ्लेबेक्टॉमी (Ambulatory Phlebectomy):

इस प्रक्रिया में डॉक्टर वेरिकोस वेन्स के पास त्वचा पर छोटे कट या छेद बनाते हैं।

फिर वे नस के हिस्सों को एक-एक करके हटाते हैं।

वेन सर्जरी (Vein Surgery):

इस प्रक्रिया को लिगेशन और स्ट्रिपिंग (Ligation and Stripping) भी कहा जाता है।

सर्जन क्षतिग्रस्त नस को बांध देते हैं (ligation) ताकि खून जमा न हो।

जरूरत पड़ने पर, सर्जन नस को हटा सकते हैं (stripping) ताकि वेरिकोस वेन्स दोबारा न हों।

नोट: वेरिकोस वेन्स के लिए इलाज का तरीका आपकी स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है।


क्या इलाज के बाद वेरिकोस वेन्स वापस आ सकती हैं?

हालांकि इलाज प्रभावी होता है, लेकिन इलाज के बाद भी वेरिकोस वेन्स फिर से हो सकती हैं, खासकर अगर जोखिम कारक अभी भी मौजूद हैं।

अगर जीवनशैली में बदलाव नहीं किया गया या मूल कारण (जैसे मोटापा, लंबे समय तक खड़े रहना) ठीक नहीं हुआ, तो नई नसें प्रभावित हो सकती हैं।

हालांकि, इलाज से मौजूदा वेरिकोस वेन्स से राहत मिलती है और लक्षणों में सुधार होता है।

जिन लोगों का इलाज के बाद प्रेग्नेंसी होती है, उनमें यह समस्या लौटने की संभावना अधिक होती है।

यदि किसी व्यक्ति का BMI (Body Mass Index) 30 से अधिक है या जीवनशैली निष्क्रिय (sedentary) है, तो वेरिकोस वेन्स के फिर से होने की संभावना बढ़ जाती है।


वेरिकोस वेन्स की रोकथाम और देखभाल

  • नियमित व्यायाम करें
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहें अर्थात लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें
  • धूम्रपान न करें
  • नियमित चेकअप कराएं

वेरिकोस वेन्स में स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें?

आप खुद का ख्याल निम्नलिखित तरीकों से रख सकते हैं:

पैरों को ऊपर उठाएं (Elevate Your Legs):

दिन में कुछ समय के लिए अपने पैरों को दिल के स्तर से ऊपर उठाएं।

यह खून के प्रवाह को सुधारने और सूजन को कम करने में मदद करता है।

लंबे समय तक खड़े या बैठे न रहें (Avoid Prolonged Standing or Sitting):

एक ही स्थिति में ज्यादा देर तक न रहें।

अगर आपको लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना पड़ता है, तो बीच-बीच में ब्रेक लें और अपने पैरों को हिलाएं या टहलें।

नियमित व्यायाम करें (Exercise regularly):

नियमित रूप से चलना, टहलना, साइक्लिंग और तैराकी जैसे हल्के व्यायाम करें।

ये व्यायाम पैरों में रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और नसों पर दबाव कम करते हैं।

कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें (Wear Compression Stockings):

डॉक्टर की सलाह से विशेष मोज़े पहनें, जो नसों को सहारा देकर सूजन और दर्द को कम करते हैं।

स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a Healthy Weight):

मोटापा नसों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। वजन घटाने से वेरिकोस वेन्स की समस्या को कम किया जा सकता है।

संतुलित आहार लें (Healthy Diet):

फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार लें।

नमक की मात्रा कम करें ताकि सूजन कम हो।

ढीले कपड़े पहनें (Wear Loose Clothing):

तंग कपड़े खून के प्रवाह को बाधित कर सकते हैं। हमेशा आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें।


डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

हालांकि वेरिकोस वेन्स आमतौर पर खतरनाक नहीं होती हैं, आपको निम्नलिखित स्थितियों में चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए:

  • अगर त्वचा या नसों से ब्लीडिंग हो रही हो।
  • त्वचा का रंग बदल रहा हो।
  • नसों में दर्द, लालिमा, या गर्माहट महसूस हो।
  • पैरों में सूजन हो।

वेरिकोस वेन्स के साथ लाखों लोग रहते हैं। ज्यादातर मामलों में, यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं पैदा करती।

लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपचार इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं और इसे बिगड़ने से रोक सकते हैं।

अपने डॉक्टर से सुरक्षित और मिनिमली इनवेसिव ट्रीटमेंट्स (Minimally Invasive Treatments) के बारे में बात करें, जो दर्द कम कर सकते हैं और वेरिकोस वेन्स के लुक को बेहतर बना सकते हैं।


आपातकालीन स्थिति में क्या करें?

यदि किसी वेरिकोस वेन से भारी मात्रा में खून बह रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कुछ स्थितियों में वेरिकोस वेन्स खतरनाक हो सकती हैं। अगर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर या आपातकालीन सेवा से संपर्क करें:

नसों से अचानक खून बहना (Sudden Bleeding from Veins):

अगर उभरी हुई नस फट जाए और खून बहने लगे।

खून बहना रोकने के लिए तुरंत उस क्षेत्र पर साफ कपड़े से दबाव डालें।

गहरी नसों में थक्का (Deep Vein Thrombosis – DVT):

अगर पैर में अचानक तेज दर्द, सूजन, लाली या गर्माहट महसूस हो।

यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि थक्का फेफड़ों में जा सकता है।

श्वसन में कठिनाई (Breathing Difficulty):

अगर खून का थक्का फेफड़ों में चला गया हो (Pulmonary Embolism), तो सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, या चक्कर आ सकते हैं।

तेज बुखार और सूजन (High Fever and Severe Swelling):

यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।

क्या करें?

  • तुरंत आपातकालीन सेवा (Emergency Service) से संपर्क करें।
  • खून बहने की स्थिति में क्षेत्र को ऊपर उठाएं और दबाव डालें।
  • डीवीटी के संकेत होने पर पैर को हिलाने से बचें और डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

वेरिकोस वेन्स आपकी पसंदीदा ड्रेस पहनने में झिझक पैदा कर सकती हैं और असुविधा दे सकती हैं।

अच्छी खबर यह है कि ज्यादातर लोगों में इससे कोई गंभीर समस्या नहीं होती।

अगर वेरिकोस वेन्स आपको परेशान करती हैं, तो घरेलू उपाय आजमा सकते हैं या अपने चिकित्सक से इलाज के विकल्पों के बारे में पूछ सकते हैं।

बस यह याद रखें कि इलाज के बाद भी यह समस्या वापस आ सकती है।

वेरिकोस वेन्स की गंभीरता को पहचानना और समय पर इलाज करवाना जटिलताओं को रोकने के लिए जरूरी है। अपनी स्थिति को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से नियमित परामर्श लेते रहें।