कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) क्या है, अच्छा और बुरा, कण्ट्रोल में कैसे रखें?

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) क्या है?

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) क्या है?
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) क्या है?

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक ऐसा शब्द है जिसे अक्सर लोग डॉक्टर से सुनते हैं या हेल्थ सम्बंधित आर्टिकल्स में पढ़ते है।

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है और शरीर में एक ख़ास रोल प्ले करता है, लेकिन अक्सर लोग कहते है की कोलेस्ट्रॉल बुरा होता है।

इस पोस्ट में कोलेस्ट्रॉल सम्बंधित आपके सभी प्रश्नों के उत्तर सरल तरीके से दिए गए और बताया गया है की – कोलेस्ट्रॉल क्या है, यह आपकी सेहत को कैसे प्रभावित करता है, और आप इसे कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।

आइए समझें कि कोलेस्ट्रॉल वास्तव में क्या है।


कोलेस्ट्रॉल वास्तव में क्या है?

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का फैट (fat) अर्थात चर्बी है। यह मक्खन की तरह नरम और मोम जैसा होता है।

यह आपके खून में, शरीर के हर एक अंग में, हर एक सेल यानी की कोशिका में पाया जाता है।

कोलेस्ट्रॉल को कार के ऑइल या बिल्डिंग ब्लॉक्स (building blocks) की तरह समझें – जिसकी आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए जरूरत होती है।

    


क्या कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी है?

हाँ! कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए बहुत जरूरी है।

प्रायः लोग कहते हैं “कोलेस्ट्रॉल बुरा होता है, खराब होता है,” लेकिन वास्तव में हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए इसकी जरूरत होती है।

आइये जानते है की हमारे शरीर के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है:

कोलेस्ट्रॉल कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है

हमारा शरीर सेल्स (cells) नामक छोटी-छोटी इकाइयों से बना होता है।

कोलेस्ट्रॉल हर सेल की बाहरी परत को मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है – बिल्कुल बाउंसी कैसल (bouncy castle) की दीवारों की तरह!


कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी (Vitamin D) बनाने में मदद करता है

जब सूरज की रोशनी हमारी त्वचा पर पड़ती है, तब हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल का उपयोग विटामिन डी बनाने के लिए करता है।

Sun
Cholesterol
Vitamin D
Bone

और पता है क्या? विटामिन डी हमारी हड्डियों को मजबूत और हमारी इम्यून सिस्टम (immune system) को सक्रिय रखने में मदद करता है।


कोलेस्ट्रॉल हार्मोन्स (hormones) बनाने में मदद करता है

हार्मोन्स हमारे शरीर में छोटे संदेशवाहक की तरह होते हैं।

वे हमारे शरीर को बताते हैं कि क्या करना है – जैसे कब बढ़ना है, कब सोना है, या कब भूख लगी है।

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर को ये हार्मोन्स बनाने में मदद करता है।

Chholesterol
Hormone

कोलेस्ट्रॉल पाचन में मदद करता है

हमारा लिवर (liver) कोलेस्ट्रॉल का उपयोग बाइल (bile) बनाने के लिए करता है।

बाइल हमारे खाए हुए भोजन में मौजूद फैट (fat) को तोड़ने में मदद करता है, ताकि हमारा शरीर इसका उपयोग ऊर्जा के लिए कर सके।

Chholesterol
Bile

रोचक तथ्य: हमारा शरीर इतना होशियार है कि यह अपनी जरूरत का ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल खुद ही बना लेता है!

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी है। शरीर को स्वस्थ सेल्स बनाने, विटामिन्स बनाने, और हार्मोन्स बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। कोलेस्ट्रॉल के बिना, आपका शरीर सही तरीके से काम नहीं कर पाएगा।


तो कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए अच्छा है या बुरा?

कोलेस्ट्रॉल खुद “अच्छा” या “बुरा” नहीं है – इसमें संतुलन महत्वपूर्ण है।

इसके प्रकार के आधार पर, यह अच्छा या बुरा हो सकता है।

एक “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल होता है, जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहते है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

और दूसरा “बुरा” कोलेस्ट्रॉल होता है, जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहते है, जो अधिक मात्रा में होने पर समस्या पैदा कर सकता है।

इसलिए, हमें संतुलन बनाए रखने की जरूरत है – अच्छा ज्यादा और बुरा कम!

इनके बारें में विस्तार से हम कोलेस्ट्रॉल के प्रकार इस सेक्शन में देखेंगे।


ये कोलेस्ट्रॉल आता कहाँ से है?

कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो जगहों से आता है:

आपका शरीर कोलेस्ट्रॉल बनाता है

आपका लिवर (liver) आपके शरीर को जितने कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है, उसका अधिकांश हिस्सा बनाता है।

यह एक छोटी कोलेस्ट्रॉल फैक्टरी की तरह है जो हर समय काम करती रहती है – यहाँ तक कि जब आप सोते हैं तब भी!

आपका शरीर बहुत होशियार है। इसे पता होता है कि उसे, सेल्स और हार्मोन्स (hormones) बनाने के लिए और खाना पचाने में मदद करने के लिए कितने कोलेस्ट्रॉल की जरूरत है।

इसलिए आपका शरीर इस काम को अपने आप संभाल लेता है!

आपको खाने से भी कोलेस्ट्रॉल मिलता हैं

कुछ खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल होता है। ये ज्यादातर जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं जैसे:

  • मीट (meat)
  • अंडे (eggs)
  • चीज़ (cheese)
  • मक्खन (butter)
  • फुल क्रीम वाला दूध (Full cream milk)

थोड़ी मात्रा में ये खाद्य पदार्थ ठीक हैं, लेकिन ज्यादा खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है – खासकर “बैड” कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल/LDL)।

पौधे कोलेस्ट्रॉल नहीं बनाते, इसलिए फलों, सब्जियों और अनाज में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता!

💡 रोचक तथ्य: अगर आप कभी भी कोलेस्ट्रॉल वाला खाना न भी खाएं, तब भी आपका शरीर इसे खुद बना लेगा – क्योंकि यह इतना महत्वपूर्ण है!

कोलेस्ट्रॉल दो जगहों से आता है। आपका लिवर: आपका शरीर ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल खुद ही अपने लिवर में बनाता है – जो आपके शरीर के अंदर की एक फैक्टरी की तरह है। आपका भोजन: आप जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों जैसे मीट, अंडे, चीज़, और मक्खन से भी कोलेस्ट्रॉल प्राप्त करते हैं। इसलिए गलत तरह के खाने की अधिक मात्रा आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है।


क्या हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) आपको बीमार कर सकता है?

हाँ, कर सकता है।

अगर आपके खून में बहुत ज्यादा बॅड कोलेस्ट्रॉल है, तो यह आपकी ब्लड वेसल्स में जमा हो सकता है और अंदरूनी दीवारों से चिपक सकता है।

ब्लड वेसल्स वो नलियां हैं जो आपके शरीर में खून को चारों ओर ले जाती हैं।

समय के साथ, इससे रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, और खून आसानी से नहीं बह पाता।

इससे हार्ट (heart) की समस्याएं हो सकती हैं और आप बीमार पड़ सकते हैं।

लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप स्वस्थ आदतों से इसे नियंत्रित कर सकते हैं!


मैं अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को स्वस्थ कैसे रख सकता हूं?

कोलेस्ट्रॉल लेवल को लिमिट में कैसे रख सकते है, इसके बारें में डिटेल में जीवनशैली, नियंत्रण, उपचार आदि पार्ट्स में दिया गया है। अभी संक्षेप में।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को स्वस्थ रखने के कुछ सरल तरीके हैं, जैसे:

ज्यादा फल, सब्जियां, और होल ग्रेन्स (whole grains) खाएं

तली हुई और फैटी (fatty) चीजों से बचें

रोज एक्सरसाइज (exercise) करें (चलना भी मदद करता है!)

धूम्रपान न करें

रेगुलर चेकअप (regular checkups) करवाएं


कोलेस्ट्रॉल के प्रकार

सभी कोलेस्ट्रॉल एक जैसे नहीं होते। कुछ प्रकार मददगार होते हैं, और कुछ आपके शरीर में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। आइए और जानें!

कोलेस्ट्रॉल के विभिन्न प्रकार कौन से हैं? (गुड और बॅड कोलेस्ट्रॉल )

कोलेस्ट्रॉल के दो मुख्य प्रकार हैं, गुड कोलेस्ट्रॉल और बॅड कोलेस्ट्रॉल जिनके बारे में आपको जानना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल आपके खून में अकेले नहीं घूमता।

यह लाइपोप्रोटीन्स (lipoproteins) नामक छोटे “वाहनों” पर सवार होकर घूमता है।

और इसी के आधार पर कोलेस्ट्रॉल को दो टाइप्स में डिवाइड किया जाता है, और वो है

  1. एलडीएल (LDL) अर्थात लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (Low-Density Lipoprotein) — इसे अक्सर बॅड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, और
  2. एचडीएल (HDL) यानि की हाई-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (High-Density Lipoprotein) — इसे गुड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है

सरल भाषा में कहे तो LDL और HDL बस!

ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) — यह भी एक प्रकार फॅट है, जो कोलेस्ट्रॉल से सम्बंधित है , किन्तु कोलेस्ट्रॉल नहीं हैं और इसकी भी जांच लिपिड टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल के साथ की जाती है।

मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के दो प्रकार होते हैं: एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल)। आपके खून में एक और तरह की फैट होती है जिसे ट्राइग्लिसराइड्स कहते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल से संबंधित है।


एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल क्या है, और इसे “बैड” कोलेस्ट्रॉल क्यों कहा जाता है?

एलडीएल का मतलब है लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या लिपोप्रोटीन (Low-Density Lipoprotein)।

जैसा की हमने देखा लाइपोप्रोटीन एक ट्रक की तरह है, जो कोलेस्ट्रॉल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाता है।

एलडीएल वो ट्रक है जो कोलेस्ट्रॉल को लिवर से लेकर शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है, जो की जरूरी भी हैं।

तो फिर यह बुरा क्यों हैं और इसे “बैड” कोलेस्ट्रॉल क्यों कहा जाता है?

क्योंकि अगर यह शरीर में बहुत ज्यादा हो जाए तो,
– कोलेस्ट्रॉल इसमें से निकलकर आपकी रक्त वाहिकाओं में चिपकने लगता है (चिपचिपे गोंद की तरह) और जमा होने लगता है।

जिससे खून का बहना मुश्किल हो जाता है, और यह ब्लॉकेज (blockages) का कारण बन सकता है।

यह आर्टरीज को बिल्कुल एक बंद पाइप की तरह बंद कर देता है, जिससे से हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है।

इसलिए एलडीएल को एक गार्बेज ट्रक की तरह समझें जो सड़कों पर बहुत सारा कचरा छोड़ देता है, या चिपचिपा कचरा फैला रहा हो, जिससे ट्रैफिक और खराब हो जाता है।

और इसी वजह से इसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।

तो एचडीएल इससे अलग कैसे है?

एलडीएल का मतलब है “लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन”। यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को ले जाता है। इसे “बुरा” कोलेस्ट्रॉल इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब यह बहुत ज्यादा होता है, तो यह आपकी रक्त वाहिकाओं के अंदर चिपक सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आ सकती है और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।


एचडीएल (HDL) कोलेस्ट्रॉल क्या है, और इसे “गुड” कोलेस्ट्रॉल क्यों कहा जाता है?

एचडीएल का मतलब है हाई-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या लिपोप्रोटीन (High-Density Lipoprotein)।

एचडीएल भी एलडीएल की तरह एक ट्रक है जो कोलेस्ट्रॉल लेकर जाता है, किन्तु यह खून से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को उठाता है और इसे वापस लिवर (liver) तक ले जाता है।

और फिर लिवर की सहायता से आपका शरीर इस कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पा सकता है।

यह आपकी रक्त वाहिकाओं को साफ रखने में मदद करता है और खून को आसानी से बहने देता है।

एचडीएल को एक सफाई कर्मचारी की तरह समझें जो गंदगी को साफ करता है ताकि आपका खून आसानी से बह सके।

और इसी वजह से इसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।

इसलिए, ज्यादा एचडीएल बेहतर है!

एचडीएल का मतलब है “हाई-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन”। यह आपकी रक्त वाहिकाओं से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को उठाकर वापस लिवर तक ले जाता है, ताकि आपका शरीर इससे छुटकारा पा सके। इसीलिए एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को “अच्छा” प्रकार कहा जाता है – यह आपकी रक्त वाहिकाओं को साफ रखने में मदद करता है।


ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) क्या हैं, और इसका कोलेस्ट्रॉल से क्या संबंध है?

ट्राइग्लिसराइड्स आपके खून में पाई जाने वाली एक प्रकार की चर्बी है।

आपका शरीर इन्हें आपके खाने से बनाता है, खासकर शुगर (sugar) और फैट (fat) से।

अगर आप जितनी कैलोरीज़ (calories) बर्न करते हैं, उससे ज्यादा खाते हैं, तो आपका शरीर अतिरिक्त ऊर्जा को ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में स्टोर करता है।

Energy
Triglyceride
Energy

ट्राइग्लिसराइड्स को अतिरिक्त ईंधन की तरह समझें जो आपका शरीर स्टोर करता है — लेकिन बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स + हाई एलडीएल + लो एचडीएल = हार्ट डिज़ीज़ (heart disease) का ज्यादा खतरा

ट्राइग्लिसराइड्स आपके खून में पाई जाने वाली एक और तरह की फैट है। आपका शरीर ट्राइग्लिसराइड्स का उपयोग ऊर्जा के लिए करता है। लेकिन बहुत ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स होने से हार्ट की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है, ठीक उसी तरह जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल से होता है।


हाई कोलेस्ट्रॉल क्यों होता हैं? कारण और रिस्क फैक्टर्स

जैसा की हमने देखा कोलेस्ट्रॉल खून में पाया जाने वाला एक fatty पदार्थ है। आपके शरीर को थोड़ा कोलेस्ट्रॉल ज़रूरी काम के लिए चाहिए होता है। यह सेल्स बनाने और विटामिन्स बनाने में मदद करता है। लेकिन ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल आपके हार्ट (heart) के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

जब रक्त में कोलेस्ट्रॉल का लेवेल बढ़ जाता है तो उस कंडिशन को “हाई कोलेस्ट्रॉल” कहते है।

हाई कोलेस्ट्रॉल यूं ही नहीं होता। आइए जानें इसके कारण क्या है और किसे सावधान रहना चाहिए।

हाई कोलेस्ट्रॉल के क्या कारण हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) के मुख्य कारण हैं:

🍔
Unhealthy Food
🛋️
No Exercise
⚖️
Overweight
🚬
Smoking
🧬
Family History
🧓
Getting Older

अस्वस्थ खाना

फास्ट फूड (fast food), तला हुआ खाना, बटर (butter), चीज़ (cheese), या रेड मीट (red meat) का ज़्यादा सेवन आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है।

सैचुरेटेड फैट (saturated fat) या ट्रांस फैट (trans fat) वाले खाद्य पदार्थ आपके हार्ट के लिए अच्छे नहीं हैं।

निष्क्रिय जीवनशैली (शारीरिक गतिविधि की कमी)

अगर आप ज़्यादा बैठे रहते हैं और हिलते-डुलते या खेलते नहीं हैं, तो आपका शरीर बुरे कोलेस्ट्रॉल को नहीं निकाल पाता।

मोटापा

अधिक वज़न के कारण आपका शरीर ज़रूरत से ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल बना सकता है।

धूम्रपान

सिगरेट आपकी ब्लड वेसल्स (blood vessels) को नुकसान पहुंचाती है और कोलेस्ट्रॉल की समस्या को और बदतर बना देती है।

जीन्स (Genes), फॅमिली हिस्ट्री

कभी-कभी हाई कोलेस्ट्रॉल परिवार में चलता है। अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी को था, तो आपको भी हो सकता है।

उम्र बढ़ना

जैसे-जैसे लोग बूढ़े होते हैं, उनका शरीर कोलेस्ट्रॉल को उतनी अच्छी तरह नहीं संभाल पाता।

जब बहुत ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल हो जाता है तो यह ब्लड वेसल्स में जमा होने लगता हैं। इससे खून का बहना मुश्किल हो जाता है, और यह आपके हार्ट के लिए अच्छा नहीं है।

हाई कोलेस्ट्रॉल खराब खान-पान, निष्क्रिय जीवनशैली, मोटापे, धूम्रपान, कुछ मेडिकल कंडीशन्स जैसे डायबिटीज या हाइपोथायरॉइडिज्म, और जेनेटिक (genetic) कारणों से हो सकता है।


किसे हाई कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा ज्यादा रहता है?

किसी को भी हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकता है, लेकिन खतरा ज्यादा होता है अगर:

1. परिवार के सदस्यों में भी हाई कोलेस्ट्रॉल है

अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी को हाई कोलेस्ट्रॉल था, तो आपको भी हो सकता है। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे आपके बाल या आंखों का रंग – यह जीन्स (genes) के through आ सकता है।

2. जो अस्वस्थ खाना खाते हैं

इन चीज़ों का ज़्यादा सेवन:

  • तला हुआ खाना
  • फास्ट फूड (fast food)
  • चीज़ (cheese) और बटर (butter)
  • मिठाइयां या स्नैक्स (snacks)

आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है।

3. जो एक्सरसाइज (exercise) नहीं करते

जो लोग ज़्यादातर बैठे रहते हैं और शरीर को हिलाते-डुलाते नहीं हैं, उन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल होने का ज़्यादा खतरा होता है।

4. जो ओवरवेट (overweight) या मोटे हैं

अधिक शारीरिक वज़न के कारण शरीर ज़रूरत से ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल बना सकता है।

5. जो स्मोकिंग करते हैं या ज्यादा शराब पीते हैं

धूम्रपान शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है, और यह कोलेस्ट्रॉल की समस्या को और भी बदतर बना देता है।

6. बुजुर्ग लोग

उम्र बढ़ने के साथ, शरीर कोलेस्ट्रॉल को उतनी अच्छी तरह नहीं संभाल पाता। इसलिए बड़ों और बुजुर्गों को ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।

👦👧 क्या बच्चों को भी हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकता है?

हां, कभी-कभी बच्चों को भी हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकता है, खासकर अगर:
यह परिवार में चलता आ रहा है
वे बहुत जंक फूड (junk food) खाते हैं
वे पर्याप्त खेलते या हिलते-डुलते नहीं हैं

अस्वस्थ खान-पान वाले लोग, जो कम हिलते-डुलते हैं, मोटापे वाले लोग, डायबिटीज (diabetes) के मरीज, धूम्रपान करने वाले, बुजुर्ग, और जिनके परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल या हार्ट डिजीज (heart disease) की हिस्ट्री (history) है, उन्हें ज़्यादा खतरा होता है।


लाइफस्टाइल अर्थात जीवशैली कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे प्रभावित करती हैं?

आपकी दैनिक आदतें बड़ी भूमिका निभाती हैं। कैसे:

ज्यादा तली हुई चीजें, रेड मीट (red meat), मक्खन, और जंक फूड खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

ज्यादा बैठे रहने और एक्सरसाइज न करने से भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

स्मोकिंग और ज्यादा शराब पीने से स्थिति और खराब हो सकती है।

हेल्दी फूड + एक्टिव लाइफ = बेहतर कोलेस्ट्रॉल लेवल!


क्या डाइट कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित करती है?

हाँ, डाइट बहुत मायने रखती है!

  • बुरे खाद्य पदार्थ जैसे बर्गर, चिप्स, केक, और फैटी मीट आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं।
  • अच्छे खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, ओट्स (oats), ड्राई फ्रूट्स, और फिश इसे कम करने में मदद कर सकते हैं।

आप जो खाते हैं वह आपके हार्ट को मदद कर सकता है या नुकसान पहुंचा सकता है।


क्या तनाव या नींद की कमी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है?

हाँ! ज्यादा स्ट्रेस (stress) और कम नींद आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकते हैं।

  • स्ट्रेस से खराब खाने की आदतें पड़ सकती हैं (जैसे जंक फूड खाना)
  • नींद की कमी से शरीर में फैट का प्रबंधन गड़बड़ा सकता है

अच्छी नींद लें और शांत रहें — यह आपके हार्ट के लिए भी अच्छा है!


क्या हाई कोलेस्ट्रॉल वंशानुगत हो सकता है?

हाँ, हो सकता है। कुछ लोग फैमिलियल हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया (familial hypercholesterolemia) नामक स्थिति के साथ पैदा होते हैं।

इसका मतलब है कि उनका शरीर हेल्दी खाने के बावजूद बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बनाता है।

अगर आपके माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों में हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको भी जांच करवानी चाहिए।



क्या आप महसूस कर सकते हैं कि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल है?

नहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते। इसीलिए डॉक्टर इसे “साइलेंट प्रॉब्लम” कहते हैं।

इसे जानने का एकमात्र तरीका ब्लड टेस्ट (blood test) है।

अपने कोलेस्टरॉल स्तरों को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में अपने चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ से बात करें।


लक्षण, निदान, उपचार, लेवल नार्मल कैसे रखें

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इस पोस्ट में हमने देखा की कोलेस्ट्रॉल क्या है, शरीर के लिए क्यों जरूरी है और गुड कोलेस्ट्रॉल और बॅड कोलेस्ट्रॉल के बारें में जाना।

एचडीएल (HDL) अर्थात गुड कोलेस्ट्रॉल कैसे हमारी मदद करता है और शरीर के लिए क्यों जरूरी है, और एलडीएल (LDL) यानी की बैड कोलेस्ट्रॉल कैसे गंभी बिमारियों का कारण बन सकता हैं।

उसके बाद हाई कोलेस्ट्रॉल क्यों होता है, यह समझा। अब आगे के पार्ट में हम देखेंगे की

कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे कण्ट्रोल में रखा जाएँ, हाई कोलेस्ट्रॉल के क्या लक्षण होते है और उसका निदान कैसे किया जाता। यदि कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाये तो उसका उपचार कैसे किया जाता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण, निदान और उपचार

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