एनजाइना – Angina – एंजाइना


  • एनजाइना रोग नहीं, बल्कि लक्षण का नाम है।

यदि एनजाइना लक्षण है, तो रोग कौन सा है?

कोरोनरी आर्टरी डिजीज या कोरोनरी हार्ट डिजीज

एनजाइना के इस आर्टिकल में, पहले एनजाइना के बारे में संक्षेप में दिया है और बाद में इस रोग के बारे में, विस्तार से दिया गया है।


एनजाइना – सारांश (Angina Summary)

एनजाइना क्या है?

ह्रदय के किसी एक हिस्से में, जब रक्त प्रवाह कम हो जाता है, तो उसकी वजह से, जो छाती में दर्द होता है, उसे एंजाइना कहते हैं।

एनजाइना में और कौन से लक्षण दिखाई देते हैं?

एनजाइना में मुख्य लक्षण है –

  • छाती में दर्द, जो कि कभी-कभी ऊपर की ओर भी फैल सकता है, जैसे की गर्दन, कंधे या बांह तक।

कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते है –

  • सांस लेने में दिक्कत होना,
  • थकान,
  • चक्कर आना,
  • पसीना आना,
  • जी मिचलाना आदि

एनजाइना का दर्द कब होता है?

यदि व्यक्ति को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, तो जब वह कोई मेहनत का काम करता है, जैसे कि तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना आदि, तब एनजाइना का दर्द शुरू हो जाता है।

या फिर, अधिक तनाव की स्थिति में, अधिक भोजन कर लेने पर या अधिक ठंड में, एनजाइना का दर्द शुरू हो जाता है।

एनजाइना का दर्द होने पर क्या करें?

एनजाइना का दर्द होने पर, आप जो भी कार्य कर रहे हो, उसे रोक दे, और कुछ देर के लिए बैठ जाए।

डॉक्टर ने जो एनजाइना के लिए दवा दी है, नाइट्रोग्लिसरीन, उसे जीभ के नीचे रखें और जीभ के नीचे अपने आप घुलने दें।

उसके बाद कुछ देर आराम करें, लेट जाएं।

साथ ही साथ एनजाइना के उपचार और रोकथाम के लिए, कुछ बातें जरूरी है, जैसे की –

  • जीवन शैली में बदलाव,
  • तनाव कम करने के लिए ध्यान,
  • आहार में बदलाव,
  • वजन पर नियंत्रण,
  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन पूरी तरह बंद करना।

एनजाइना का दर्द, कितनी देर में ठीक हो जाता है?

कुछ देर आराम करने से और जीभ के निचे नाइट्रोग्लिसरीन दवा से, स्टेबल एंजाइना के दर्द में राहत मिल जाती है। लगभग 5 मिनट में आराम मिल जाता है।

यदि कुछ देर बाद भी, दर्द कम ना हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह अनस्टेबल एंजाइना हो सकता है, जो कि एक मेडिकल इमरजेंसी है।

स्टेबल और अनस्टेबल एंजाइना के फर्क को समझना, ना सिर्फ मरीज के लिए बल्कि उसके घरवालों के लिए भी बहुत जरूरी है, क्योंकि अनस्टेबल एनजाइना में मरीज को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ता है। स्टेबल और अनस्टेबल एंजाइना में क्या फर्क यह नीचे डिटेल में दिया गया है।

अब एनजाइना के बारें में विस्तार से देखेंगे –


एनजाइना – Angina

एनजाइना के बारें में जो बातें हम विस्तार से देखेंगे वो है –

  • एनजाइना क्या है?
  • एनजाइना और हार्टअटैक में क्या फर्क है?

  • एनजाइना का दर्द कैसा महसूस होता है?
  • एनजाइना का दर्द होने पर क्या करें?
    • पहली बार एनजाइना का दर्द
    • फिर से एंजाइना का दर्द
  • एंजाइना में और क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
  • स्टेबल और अनस्टेबल एनजाइना का फर्क
  • डॉक्टर से तुरंत संपर्क कब करें?

  • एनजाइना के जोखिम कारक तत्व क्या है?
  • एनजाइना का निदान कैसे किया जाता है?
  • कोरोनरी हार्ट डिजीज क्या है?

  • एनजाइना का उपचार क्या है?
  • एनजाइना से बचाव कैसे करें?

एनजाइना क्या है?

What is Angina?

एनजाइना, कोरोनरी आर्टरी डिजीज में, होने वाले छाती के दर्द को कहते हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज में, ह्रदय के किसी एक हिस्से में, रक्त प्रवाह में कमी आ जाती है।

रक्त प्रवाह कम होने की वजह से, उस हिस्से में ऑक्सीजन का सप्लाई भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से छाती में दर्द शुरू हो जाता है, और इसी सीने के दर्द को एंजाइना कहते हैं।

हार्ट अटैक में भी तो यही होता है?

हार्ट अटैक का भी यही कारण है – ह्रदय की आर्टरी में ब्लॉक होना और ह्रदय के एक हिस्से में ब्लड सप्लाई का कम होना।

यदि दोनों का कारण एक ही है, फिर दोनों में अंतर क्या है?


तो एनजाइना और हार्टअटैक में क्या फर्क है?

एनजाइना देता है, हार्ट अटैक की चेतावनी

एंजाइना, हार्ट अटैक से पहले की स्थिति है।

एनजाइना कुछ मिनटों में, दवा लेने से और आराम करने से, ठीक हो जाता है, किंतु यह भविष्य में होने वाले, गंभीर ह्रदय रोग की चेतावनी का संकेत है।

यह बता देता है कि, ह्रदय की धमनियों में बदलाव चालू हो गया है और आगे हार्ट अटैक का खतरा है, इसलिए, जीवन शैली में बदलाव, खान पान में बदलाव, ध्यान आदि बहुत जरूरी है, नहीं तो आगे चलकर, हार्ट अटैक आ सकता है।

स्टेबल, अनस्टेबल, और हार्ट अटैक

यदि गंभीरता के आधार पर समझे तो, पहले स्टेबल एंजाइना, उससे गंभीर अनस्टेबल एंजाइना और फिर हार्ट अटैक।

एनजाइना को ऐनजाइना पेक्टोरिस, Angina Pectoris, भी कहते है।


एनजाइना का दर्द कैसा महसूस होता है?

एंजाइना में, छाती में खिंचाव, दबाव, भारीपन या जकड़न, जैसा दर्द महसूस हो सकता है।

कभी-कभी मरीज में इस प्रकार दर्द होता है, जैसे की छाती पर किसी ने भारी वजन रख दिया हो या छाती को किसी ने दबाया हो।


एनजाइना का दर्द होने पर क्या करें?

यहां दो स्थितियां हो सकती है।

  1. पहली बार एनजाइना का दर्द होने पर क्या करना चाहिए,
  2. और निदान के बाद, फिर से यदि एंजाइना का दर्द आता है, तो क्या करना चाहिए?

यदि पहली बार एनजाइना का दर्द हो रहा हो, तो क्या करें?

स्टेबल एंजाइना का दर्द, कुछ देर आराम करने के बाद, ठीक हो जाता है।

स्टेबल एंजाइना का दर्द मरीजों में तब होता है, जब वह कुछ मेहनत का काम कर रहे होते हैं, जैसे कि तेज चलना, दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना आदि।

तो आप जो कुछ कर रहे है, उसे रोककर आराम करें, जिससे एनजाइना के दर्द मे, आराम मिल जाएगा।

लेकिन, छाती में इस प्रकार का दर्द, यदि पहली बार हो रहा हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

एंजाइना का निदान होना बहुत जरूरी है, क्योंकि, यह समस्या ह्रदय से संबंधित समस्या है।

इसलिए इस प्रकार का दर्द, पहली बार हो रहा हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना बहुत ही आवश्यक है।

शारीरिक जांच और अन्य टेस्ट की सहायता से, डॉक्टर यह पुष्टि करते हैं कि, दर्द एनजाइना ही है या, छाती का दर्द किसी अन्य बीमारी की वजह से है।

निदान की पुष्टि के बाद, डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां लिखकर देंगे, जैसे की नाइट्रेट, एस्पिरिन आदि और जीवन शैली में बदलाव के लिए कहेंगे।

यदि एनजाइना का दर्द फिर से होता है तो क्या करें?

एनजाइना का दोबारा दर्द होने पर, डॉक्टर ने दी हुई दवा तुरंत ले और कुछ देर आराम करें।

एनजाइना के दर्द के लिए नाइट्रोग्लिसरीन

एनजाइना के निदान के बाद नाइट्रोग्लिसरीन नामक दवा दी जाती है।

यह दवा, एनजाइना के दर्द के समय, तुरंत आराम के लिए, जीभ के नीचे रखना होता है।

नाइट्रोग्लिसरीन के बारे में विस्तार से हम, एनजाइना के उपचार सेक्शन में देखेंगे, लेकिन संक्षेप में –

जब भी आपको लगे कि, एनजाइना का दर्द शुरू होने वाला है, या शुरू हो चुका है, तो जो भी कार्य कर रहे हो, उसे रोककर बैठ जाए।

नाइट्रोग्लिसरीन की गोली को, जीभ के नीचे रखे, और खुद ब खुद उसे जीभ के निचे घुलने दे।

नाइट्रोग्लिसरीन की गोली को निगलना नहीं है।

उसके बाद कुछ देर आराम करें और लेट जाए।

उपचार में महत्वपूर्ण बात

साथ ही साथ एंजाइना के उपचार में, जीवन शैली में बदलाव का बहुत महत्व है।

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन, पूरी तरह से बंद करें।

हेल्थी भोजन ले और वजन नियंत्रण में रखें।

जंक फूड और अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थ कम करे।

तनाव कम करने के लिए, रोजाना योगा और ध्यान करें।


एंजाइना में और क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

Symptoms of Angina

  • एंजाइना में छाती में दर्द, जकड़न, खिंचाव, भारीपन महसूस होता है।
  • कभी-कभी यह दर्द, ऊपर की ओर अर्थात गर्दन, कंधे, बांह, या जबड़े तक भी फैल सकता है।

एनजाइना में दूसरे लक्षण भी दिख सकते हैं जैसे कि –

  • चक्कर आना,
  • थकान,
  • जी मिचलाना,
  • सांस लेने में दिक्कत होना, साँस फूलना
  • पसीना आना

एन्जाइना के लक्षण, लगभग, दिल के दौरे के लक्षणों जैसे हो सकते है।

यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, क्योंकि यह लक्षण अनस्टेबल एंजाइना के हो सकते हैं, जिसमें बाद में हार्ट अटैक का खतरा बहुत अधिक रहता है।

आजकल ह्रदय की बीमारियां बढ़ने की वजह से, एनजाइना का दर्द आम हो गया है, लेकिन, एनजाइना के दर्द को, छाती में होने वाली, दूसरी तकलीफों से अलग कर पाना, कभी-कभी मुश्किल हो जाता है, जैसे कि छाती में होने वाला अपच का दर्द।

अब एंजाइना में, स्टेबल और अनस्टेबल एंजाइना के फर्क को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि अनस्टेबल एंजाइना मेडिकल इमरजेंसी है, अर्थात गंभीर स्थिति है।


स्टेबल और अनस्टेबल एनजाइना का फर्क समझना बहुत आवश्यक है

Stable Angina – Unstable Angina

स्टेबल और अनस्टेबल एनजाइना, एनजाइना के दो मुख्य प्रकार है। तीसरा प्रकार है, वैरिएंट एनजाइना।

  • स्टेबल एनजाइना सबसे आम प्रकार का एनजाइना है।
  • स्टेबल एंजाइना, कुछ मिनटों में ठीक हो जाता है,
  • जबकि अनस्टेबल एंजाइना, मेडिकल इमरजेंसी है।

स्टेबल एनजाइना क्या है?

Stable Angina

स्टेबल एंजाइना का दर्द तब होता है, जब आप कोई मेहनत का काम कर रहे हो, जैसे कि, व्यायाम, सीढ़ियां चढ़ना, दौड़ना आदि।

स्टेबल एंजाइना का दर्द कुछ मिनटों के लिए रहता है, लगभग 5 मिनट या उससे कम।

आराम करने पर और एंजाइना की दवा लेने पर, यह दर्द ठीक हो जाता है।

जब आप कोई मेहनत का काम कर रहे हो, और यह दर्द होता है, तो आप को ख्याल में आ जाता है कि, यह एनजाइना का ही दर्द है, क्योंकि यह पहले हुए, एनजाइना के दर्द के जैसा ही होता है।


अनस्टेबल एंजाइना क्या है?

Unstable Angina

अनस्टेबल एंजाइना, जब आप आराम कर रहे हो, तब भी हो सकता है।

यह स्टेबल एंजाइना के दर्द से, ज्यादा गंभीर होता है और काफी समय तक रहता है, कभी-कभी 30 मिनट या उससे ज्यादा भी।

आराम करने पर या एनजाइना की दवा लेने पर भी, ठीक नहीं हो पाता है।

मरीज को पता चल जाता है की, यह दर्द पहले हुए एंजाइना के दर्द से अलग है, गंभीर है।

इस प्रकार का दर्द होने पर, डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, क्योंकि इसके बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


डॉक्टर से तुरंत संपर्क कब करें?

अगर आपको निम्नलिखित मे से कछ हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

एन्जाइना के लक्षण महसूस हो रहे हों और उसका उपचार करने के लिए दवा न हों।

आपने अपनी दवा ले ली हो लेकिन, आपके लक्षण दूर न हो रहे हों या आपको ऐसे नए लक्षण महसूस हो रहे हो, जो पहले कभी न हुए हों।

आपात चिकित्सा टीम के आने तक, बैठे या लेट जाएं।

तुरंत अपने डॉक्टर को फोन करे और गाडी चलाकर अस्पताल न जाए।


एनजाइना के जोखिम कारक तत्व क्या है?

Risk Factors for Angina

जोखिम कारक तत्व अर्थात वह बातें, जिनकी वजह से एंजाइना होने की संभावना बढ़ जाती है, जैसे कि –

  • धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग
  • डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • रक्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड
  • ह्रदय रोग की फैमिली हिस्ट्री
  • उम्र
  • व्यायाम की कमी, निष्क्रिय जीवनशैली, अधिक समय तक बैठे रहना
  • मोटापा
  • तनाव

एनजाइना के जोखिम कारक तत्वों के बारे में विस्तार से जानने के लिए कि कैसे ये बातें एनजाइना के खतरे को बढ़ा देते हैं, निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें –


एनजाइना का निदान कैसे किया जाता है?

Diagnosis of Angina

एनजाइना का दर्द जब पहली बार होता है, तो डॉक्टर यह पुष्टि करने के लिए कि, यह दर्द एनजाइना का ही है, आपसे आपके लक्षणों के बारे में, और फैमिली हिस्ट्री के बारे में विस्तार से पूछते हैं।

उसके बाद, शारीरिक जांच करने के बाद में, कुछ टेस्ट करने के लिए कहते हैं

एनजाइना के लिए जो टेस्ट की जाती है वे है –

  • ईसीजी,
  • स्ट्रेस टेस्ट अर्थात ट्रेडमिल टेस्ट
  • इकोकार्डियोग्राम,
  • ब्लड टेस्ट अर्थात रक्त की जांच,
  • छाती का एक्सरे
  • कोरोनरी एंजियोग्राफी

एंजाइना का उपचार कैसे किया जाता है?

Treeatment for Angina

एंजाइना के उपचार में कई बातें शामिल है, जैसे कि जीवन शैली में बदलाव, दवाइयां, चिकित्सा प्रक्रिया और सर्जरी।

एनजाइना के किसी भी उपचार के दो मुख्य लक्ष्य है –

  • एनजाइना के अटैक की फ्रीक्वेंसी को और उसकी गंभीरता को कम करना और
  • भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक की संभावना को कम करना।

लेकिन याद रहे कि अनस्टेबल एंजाइना मेडिकल इमरजेंसी है, इसके लिए अनस्टेबल एंजाइना में तुरंत हॉस्पिटल जाना पड़ता है।

एनजाइना के उपचार के लिए कौन-कौन सी दवाइयां दी जाती है

  • नाइट्रेट – नाइट्रेट्स में आमतौर पर नाइट्रोग्लिसरीन नामक दवा का उपयोग एंजाइना के उपचार के लिए किया जाता है। इस गोली को जीभ के नीचे रखना पड़ता है।
  • एस्पिरिन
  • क्लॉट रोकने वाली दवाइयां जैसे कि क्लोपिडोग्रेल, प्रैसगेल और टिकाग्रेलर
  • बीटा ब्लॉकर्स
  • स्टैटिन
  • कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
  • ब्लड प्रेशर काम करने वाली दवाइयां
  • रानोलज़ीन

चिकित्सा प्रक्रिया अर्थात मेडिकल प्रोसीजर और सर्जरी

स्टेबल एनजाइना के उपचार के लिए आमतौर पर जीवन शैली में बदलाव और दवाइयों का उपयोग किया जाता है।

लेकिन कभी-कभी कुछ चिकित्सा प्रक्रिया भी की जाती है जैसे कि –

  • एंजियोप्लास्टी,
  • स्टेंटिंग और
  • कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी।

कोरोनरी हार्ट डिजीज क्या है?

कोरोनरी आर्टरी डिजीज में, हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में, रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिसकी वजह से, उस हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और एंजाइना जैसा लक्षण दिखाई देने लगता है

यही कारण आगे चलकर, हार्टअटैक का कारण भी बन सकता है।

एनजाइना में बांहों, जबडे या पीठ के ऊपरी भाग मे भी, दर्द महसूस हो सकता है

एनजाइना का दर्द इस बात का संकेत है कि, हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नही मिल रही है।

यह इस बात का लक्षण है कि, आपको दिल का दौरा रोकने के लिए, उपचार की आवश्यकता है।

एनजाइना का दर्द  कभी भी हो सकता है, लेकिन निम्नलिखित कारणों से इसके होने की संभावनाए बढ़ जाती है:

  • अत्यधिक भोजन करना
  • धूम्रपान करना या तम्बाकू का उपयोग करना
  • अधिक गर्म या सर्द तापमान
  • भावनात्मक या तनावपूर्ण घटनाएँ
  • कार्य, व्यायाम या गतिविधि

आपकी देखभाल

आपको हृदय की समस्या है या नही, यह देखने के लिए आपकी जाँच की जाएगी।

आपको दवाएँ देनी शुरू की जा सकती है या आपके हृदय के रक्त प्रवाह मे सुधार के लिए, अन्य प्रक्रियाएँ की जा सकती है।

आपके डॉक्टर आपको कम फैट वाला भोजन करने और अपने हृदय का स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए, व्यायाम करने का सुझाव भी दे सकते है।

अगर आपके डॉक्टर नाइट्रोग्लिसरीन सुझाते है, तो अपने डॉक्टर के आदेश के अनुसार दवा का प्रयोग करें।

यदि आपका कोई प्रश्न या शंका हो, तो अपने चिकित्सक से बात करें।