स्वस्थ शरीर के लिए, भोजन के 6 आवश्यक तत्व


  • हम सब चाहते हैं कि,
  • जो भोजन हम खाते है,
  • उससे –
  • अधिक से अधिक लाभ हमको हो,
  • हमारी तन्दुरुस्ती और ताकत बढ़े,
  • हम अधिक से अधिक काम कर सकें,
  • हमारा वजन इतना बढ़ जाए या घट जाए,
  • इत्यादि।
  • इसके लिए आवश्यक है कि,
  • हमको, इन ज़रूरतों को पूरा करने वाले,
  • खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी हो।
  • और आजकल डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी,
  • जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के,
  • बढ़ने की वजह से,
  • खाने पीने की चीजों के बारे में जानकारी रहना,
    • खासकर नीचे दिये गए,
    • 6 पोषक तत्वों के बारें में जानकारी रखना,
  • बहुत ही आवश्यक हो गया है।

खाने की चीजों के छह आवश्यक तत्व

  • दाल, रोटी, चावल,
  • साग-सब्जी, फल,
  • दूध, दही, मक्खन, मेवा,
  • मांस, मछली
  • आदि कई प्रकार के खाद्य पदार्थ,
  • हम भोजन में खाते हैं।
  • भोजन के रूप में जो कुछ भी खाया जाता है,
  • उनमें 6 चीजें पाई जाती है,
  • जिनके लिए हम उन खाद्य पदार्थों को खाते हैं।
  • और वो है –
  1. कार्बोहाइड्रेट – Carbohydrate
  2. फैट – Fat – वसा या चर्बी,
  3. प्रोटीन – Protein

  4. विटामिन – Vitamin
  5. मिनरल – Mineral – खनिज लवण

  6. पानी – Water – जल

ये तत्व ना सिर्फ जरूरी, बल्कि कितनी मात्रा में यह भी जरूरी

  • यह सभी 6 चीजें,
  • शरीर के लिए इतनी आवश्यक है कि,
  • इनके बिना शरीर जीवित नहीं रह पाएगा।
  • यह चीजें ना सिर्फ शरीर के लिए जरूरी है,
  • बल्कि रोज कितनी लेना चाहिए,
  • उसकी मात्रा की एक रेंज भी दी गयी है।
  • यदि उससे कम या ज्यादा हो जाए,
  • तो कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है।
  • जैसे कि,
  • यदि प्रोटीन, कम लिया जाए तो प्रॉब्लम और
  • ज्यादा लिया तो बीमारी,
  • फैट वाली चीजें, कम या ज्यादा ले ली तो बीमारी,
  • उसी प्रकार कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल के,
  • रोज के मात्रा की भी एक रेंज है।

खाने की चीजों में अलग अलग मात्रा में पोषक तत्व

  • अलग-अलग खाद्य पदार्थों में,
  • यह चीजें कम ज्यादा मात्रा में रहती है,
  • किंतु रहती जरूर है, और
  • इन्ही पोषक तत्वों के लिए,
  • हम उन खाद्य पदार्थों को,
  • भोजन में खाते हैं।
  • जैसे की,
  • चावल, गेहूं, ज्वारी, बाजरा में
    • कार्बोहायड्रेट अधिक है
  • दूध, दाल, दलहन, मांस में
    • प्रोटीन अधिक होता हैं
  • तेल, घी, मूंगफली जैसे तिलहन में
    • फैट अधिक रहता हैं।
  • फल और सब्जियों से हमें
    • विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं।
  • साधारणत: प्रथम तीन की,
    • कार्बोहायड्रेट, फैट और प्रोटीन की
  • हमें अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है,
    • इसलिए उनकी मात्रा ग्राम्स में होती है,
  • और,
  • बाकि दो की,
    • विटामिन और मिनरल की
  • बहुत थोड़ी मात्रा में जरूरत होती है,
    • इसलिए उनकी मात्रा मिलीग्राम में होती है।

ये 6 पोषक तत्व क्या करते है?

  • कार्बोहाइड्रेट,
  • ऊर्जा का प्रमुख सोर्स है।
  • फैट,
  • हमारे शरीर के नाजुक अंगों को,
  • बचाने का काम करता है।
  • प्रोटीन,
  • कोशिकाओं को बनाने का और
  • उनमें जो दिन-रात टूट-फूट होती रहती है,
  • उनको रिपेयर करने का काम करता है।
  • विटामिन और मिनरल्स से,
  • हमारे शरीर की इम्यून बढ़ती है,
  • जिसकी वजह से हम बीमारियों से और
  • इंफेक्शन से लड़ पाते हैं।

कार्बोहायड्रेट

  • कार्बोहायड्रेट केवल,
  • कार्बन, हाइड्रोजन और
  • आक्सिजन के मेल से बना,
  • पोषक तत्व हैं।
  • ये अधिकतर स्टार्च और
  • चीनी के रूप में पाये जाते हैं।
  • कार्बोहायड्रेट मुख्यत:,
  • शाकाहारी भोजन में ही पाये जाते हैं।
  • गेहूँ, चावल, जौ, आलू, शकरकन्द आदि में,
  • स्टार्च की मात्रा अधिक होती है।
  • गन्ने के रस तथा मीठे फलों में,
  • चीनी की मात्रा अधिक होती है।
  • इसीसे ये कार्बोहायड्रेट वाली चीजें कहलाती हैं ।
  • भोजन के समय लार और पाचन रसों के प्रभाव से,
  • स्टार्च पाचन योग्य चीनी (ग्लूकोज) के रूप में बदल जाता है और
  • तब हमारा रक्त उसे अपने में सोख लेता हैं।
  • कार्बोहायड्रेट और फैट,
  • हमारे शरीर में कैलोरीज के मुख्य स्त्रोत है,
  • अर्थात गर्मी के रूप में ये तत्व,
  • शरीर में शक्ति उत्पन्न करते हैं,
  • जो सभी अंगो के कार्य के लिए आवश्यक है।

फैट – वसा, चर्बी

  • कार्बोहायड्रेट की भाँती, चर्बी में भी,
  • केवल कार्बन, हाइड्रोजन और
  • ऑक्सीजन तत्व ही होते है।
  • चर्बी भी शाकाहारी व मांसाहारी,
  • दोनों प्रकार के भोजन में होती है।
  • मछली का तेल, जानवरों की चर्बियां,
  • घी, वनस्पति तेल आदि चर्बी के कुछ उदाहरण हैं।
  • यह दूध, घी, मक्खन, बादाम, अखरोट आदि ड्राई फ्रूट्स,
  • तरकारियों, फलों के बीजों में भी पाई जाती है।
  • किसी भी रूप में,
  • भोजन में, चर्बी का अधिक होना,
  • ठीक नहीं है।
  • अघिक चर्बी पचती नहीं है, और
  • हमारे मलाशय पर काम का बोझ भी अधिक हो जाता है।
  • चर्बी का विशेष उपयोग,
  • हमारे शरीर के तन्तुओं की क्षय हुई चर्बी की पूर्ति करना,
  • आवश्यक्तानुसार नई चर्बी बनाना, तथा
  • शरीर में गर्मी व शक्ति उत्पन्न करना है।
  • गर्मी प्रदान करने के गुण के कारण ही अधिक ठंडे देशों में इसका विशेष रूप से अधिक मात्रा में उपयोग होता है।
  • पाचनक्रिया के समय छोटी आँतों में पहुँचने पर,
  • पित्त व पाचक रसों के प्रभाव से,
  • चर्बी पचकर हमारे रक्त में मिल जाती है।
  • पचने के बाद चर्बी रक्त में पहुँच जाती है, और
  • फिर इसके अलग हुए कण,
  • परस्पर मिल कर फिर से चर्बी के रूप में बदल जाते है।
  • इसमें से शक्ति उत्पन्न करने के बाद,
  • बची हुई कुछ चर्बी,
  • हमारे शरीर में त्वचा के नीचे तथा
  • पेट में किडनी के चारो ओर के स्थानों पर,
  • एकत्रित होने लगती है।
  • कभी भोजन न करने पर,
  • यही चर्बी काम में आती है।
  • इसकी मात्रा अधिक होने से,
  • शरीर स्थूल हो जाता है।
  • हमारे शरीर के मांस, रक्त तथा
  • अन्य तन्तुओं में नाइट्रोजन विद्यमान है।
  • हमारे भोजन पदार्थो में,
  • केवल प्रोटीन ही नाइट्रोजन वाले पदार्थ है।
  • कार्बोहायड्रेट तथा फैट में,
  • नाइट्रोजन नहीं रहता है।
  • इसलिए केवल प्रोटीन ही,
  • शरीर के तन्तुओं को बनाने तथा
  • वृद्धि करने के काम आता है और
  • चर्बी और कार्बोहायड्रेट कैलोरीज के काम आते है।

प्रोटीन

  • प्रोटीन मुख्यतः कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन तत्त्वो से मिलकर बना एक पदार्थ है।
  • यह शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों ही प्रकार के भोजन के पदार्थो में रहता है।
  • दाल, मटर, चना, सेम, सोयाबीन, दूध, अंडा व मांस आदि में प्रोटीन खूब रहता है।
  • दूध, और मांसाहारी भोजन जैसे मांस और अंडे की प्रोटीन, शाकाहारी अनाजो की प्रोटीन से भिन्न होती हैं।
  • यह प्रोटीन हमारे शरीर की प्रोटीन से बहुत कुछ मिलती-जुलती है।
  • हमारे शरीर के लिए प्रोटीन सबसे अधिक महत्व का पदार्थ है।
  • जीव सेलों के जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) का यह मुख्य अंश है।
  • पाचनक्रिया के प्रभाव से यह पहले तो पेपटोन मे परिवर्तित होती है, और फिर एमीनो एसिड मे।
  • पेपटोन व एमीनो एसिड के रूप में परिवर्तिति होने पर ही हमारा रक्त उसे अपने में सोख पाता है।
  • इन एमीनो एसिड से ही हमारे तंतुओं की क्षय हुई प्रोटीन की पूर्ति होती है।
  • प्रोटीन शरीर के विकास के लिए आवश्यक तत्व है।
  • यह रक्त, त्वचा, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए और पाचक-रसों तथा अन्य ग्रंथियों के रसों के बनने के लिए आवश्यक तत्व है।
  • प्रोटीन में ही नाइट्रोजन रहता है, अत: शरीर के पदार्थों की वृद्धि भी इसी के द्वारा होती है। इस प्रकार प्रोटीन का मुख्य काम विभिन्न क्षय हुए तन्तुओं की मरम्मत करना और नये तन्तु बनाना तथा उनकी वृद्धि करना है।
  • किन्तु प्रोटीन का अधिक मात्रा में उपयोग भी स्वास्थ के लिये हानिकरक होता है।
  • भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने से यकृत तथा गुर्दों के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इसलिए संतुलित भोजन, जिसमे प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फैट और अन्य तत्वों की मात्रा संतुलित हो, शरीर के लिए फायदेमंद रहता है।

हमारा शरीर विभिन्न तत्वों से मिलकर बना है। इन तत्वों में कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सिजन, लोहा, कैल्सियम और फासफोरस मुख्य हैं। अत: हमारा भोजन ऐसा होना चाहिए जिसमें ये सब तत्व उपस्थित हो।