ह्रदय - हार्ट - दिल क्या है? और यह कैसे काम करता है ?

Heart – What is heart? And how does it work?


हृदय का परिचय

हृदय (heart) एक महत्वपूर्ण अंग है जो रक्त (blood) को पूरे शरीर में पंप करता है। यह एक मुट्ठी के आकार का (या उससे थोड़ा बड़ा) मांसपेशीय अंग है जो छाती के मध्य में स्थित होता है।

ह्रदय शरीर के सर्कुलेटरी सिस्टम अर्थात परिसंचरण तंत्र का प्राथमिक अंग है।

हृदय का मुख्य कार्य शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन (oxygen) और पोषक तत्व (nutrients) प्रदान करना है, जबकि यह कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) और अन्य अपशिष्ट उत्पादों (waste products) को उन उन अंगों तक पहुँचाना है जिनका काम उन वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालना है।


हृदय की संरचना

हृदय चार मुख्य कक्षों (chambers) में विभाजित होता है:

  1. दो एट्रिया (atria): ये हृदय के ऊपरी कक्ष हैं जो रक्त को हृदय में लाते हैं।
  2. दो वेंट्रिकल (ventricles): ये हृदय के निचले कक्ष हैं जो रक्त को बाहर पंप करते हैं।

वाल्व (valves)

हृदय में चार प्रमुख वाल्व होते हैं जो रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं:

  • ट्रिकसपिड वाल्व (tricuspid valve)
  • पल्मोनरी वाल्व (pulmonary valve)
  • माइट्रल वाल्व (mitral valve)
  • ऑर्टिक वाल्व (aortic valve)

हृदय का कार्य

हृदय का कार्य निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. रक्त का भरना: एट्रिया में रक्त भरता है।
  2. पंपिंग: वेंट्रिकल रक्त को पंप करते हैं, जिससे यह शरीर के अंगों तक पहुँचता है।
  3. रक्त का पुनः चक्रण: रक्त वापस हृदय में लौटता है, जहाँ यह फिर से ऑक्सीजन से भर जाता है।

इस तीन कामों को ह्रदय इस प्रकार करता है:

अशुद्ध रक्त का एकत्रण

1 . हृदय शरीर के विभिन्न अंगों से अशुद्ध रक्त (deoxygenated blood) को एकत्र करता है। यह रक्त दाएं अलिंद (right atrium) में पहुँचता है।

2. दाएं अलिंद से यह दाएं निलय (right ventricle) में जाता है।

शुद्ध रक्त का वितरण

3. दाएं निलय से, रक्त को फेफड़ों (lungs) में भेजा जाता है, जहाँ यह ऑक्सीजन (oxygen) प्राप्त करता है।

4. इसके बाद, शुद्ध रक्त बाएं अलिंद (left atrium) में लौटता है और फिर

5. बाएं निलय (left ventricle) द्वारा शरीर के अन्य हिस्सों में पंप किया जाता है।.


हृदय (heart) के कार्यों को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:

  1. रक्त का पंप करना: हृदय का मुख्य कार्य रक्त को पंप करना है, जिससे यह शरीर के विभिन्न अंगों में पहुँचता है। यह कार्य हृदय के संकुचन और शिथिलन (contraction and relaxation) के माध्यम से होता है, जिससे रक्त का प्रवाह सुनिश्चित होता है.
  2. विद्युत आवेग का उत्पादन: हृदय में एक प्राकृतिक पेसमेकर (sinoatrial node) होता है, जो विद्युत आवेग उत्पन्न करता है। यह आवेग हृदय की धड़कन को नियंत्रित करता है, जिससे संकुचन की लयबद्धता बनी रहती है।.
  3. पदार्थों का परिवहन: हृदय रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन, पोषक तत्व और अन्य आवश्यक पदार्थों का परिवहन करता है, जबकि यह कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालता है।.

इन कार्यों के माध्यम से, हृदय शरीर के समुचित कार्य और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


हृदय स्वास्थ्य

हृदय स्वास्थ्य (heart health) बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • संतुलित आहार (balanced diet): फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज शामिल करें।
  • नियमित व्यायाम (regular exercise): हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए।
  • तनाव प्रबंधन (stress management): योग और ध्यान का अभ्यास करें।
  • धूम्रपान से बचें (avoid smoking): यह हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है।

हृदय के कार्य क्या होते हैं?

हृदय (heart) के कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. रक्त का पंप करना: हृदय रक्त को पंप करता है, जिससे यह शरीर के सभी अंगों तक पहुँचता है। यह कार्य हृदय के विभिन्न कक्षों द्वारा लयबद्ध रूप से किया जाता है, जिससे रक्त का प्रवाह सुनिश्चित होता है।
  2. शुद्ध रक्त का प्रवाह: हृदय शुद्ध रक्त (oxygenated blood) को फेफड़ों से लेकर शरीर के विभिन्न अंगों में प्रवाहित करता है, जिससे कोशिकाओं को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।
  3. अशुद्ध रक्त का एकत्रण: हृदय अशुद्ध रक्त (deoxygenated blood) को शरीर के अंगों से एकत्र करता है और इसे फेफड़ों, किडनी (kidneys) और यकृत (liver) में शुद्ध होने के लिए भेजता है।
  4. पदार्थों का परिवहन: हृदय रक्त के माध्यम से सभी कोशिकाओं को जल और अन्य उपयोगी पदार्थों का सप्लाई करता है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं।
  5. इलेक्ट्रिकल सिग्नल का उत्पादन: हृदय में विद्युत आवेग उत्पन्न होते हैं, जो हृदय की मांसपेशियों को संकुचन के लिए प्रेरित करते हैं। यह प्रक्रिया हृदय की धड़कन को नियंत्रित करती है।

इन कार्यों के माध्यम से हृदय शरीर के समस्त अंगों को जीवनदायिनी रक्त और पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बनाए रखा जा सके।


निष्कर्ष

हृदय (heart) न केवल जीवन का आधार है, बल्कि यह हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसे स्वस्थ रखने के लिए सही जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।