बीमारियों से कैसे बचे और स्वस्थ कैसे रहें?


Healthy Living to Prevent Disease

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ऐसा कौन व्यक्ति है जो अपने शरीर को अस्वस्थ देखकर प्रसन्न रहता हो! कोई भी नहीं चाहता कि अस्वस्थ रहें, अथवा रोगों के चंगुल में फंसा हुआ अपने जीवन को निरानन्दमय अथवा एक बोझ बना ले।

निरोग, स्वस्थ, तंदुरुस्त, हृष्टपुष्ट, तेजस्वी और बलवान बनने की इच्छा सभी करते हैं, किंतु कुछ ही लोग इस में सफल हो पाते हैं। इसका कारण क्या है?

एक मुर्ख कप्तान

लोग अक्सर कहते हैं कि अमुक रोग कैसा बुरा है, वह पिण्ड नहीं छोड़ता। इस रोगने हमारे शरीर को जर्जरित कर दिया है। कई उपाय भी किए, किंतु कोई लाभ नहीं हुआ। अब इससे कैसे छुटकारा मिलेगा?

ऐसे लोग उस मूर्ख कप्तानसे किसी प्रकार कम नहीं है, जिसने आरंभ में अपने जहाज के छोटे छिद्र की परवाह नहीं की, और जब छेद बढ़ गया तब समुद्री तूफान को कोसने लगा।

यदि वह कप्तान आरंभ में ही उस छोटे सुराख को बंद कर देता, तो तूफान के समय अपनी नाव को बचा सकता था और तूफान को बुरा बताने का अवसर ही नहीं आता था।

इसी प्रकार जो लोग अपने शरीर को आरंभ से ही स्वस्थ रखने का ध्यान नहीं रखते और अस्वस्थ होने पर रोगों को तथा चिकित्सकों को कोसते हैं, वे महान मूर्ख है।

एक तंदुरुस्ती हजार नियामत

चारों पदार्थ – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जिनके लिए सभी लोग प्रयत्न कर रहे हैं, केवल अच्छे स्वास्थ्य पर ही अवलंबित है।

“एक तंदुरुस्ती हजार नियामत” – अर्थात स्वास्थ्य बड़ी चीज है या स्वास्थ्य एक रत्न के जैसा है, जिसे खोकर फिर से पाना बड़ा मुश्किल होता है। इस मुहावरे की मिसाल कई लोग देते है, लेकिन कब? जब वे बीमार रहते है। यदि इसे नित्य स्मरण रखें और अपनी तंदुरुस्ती को ठीक बनाए रखने के लिए प्रयत्न करें, तो शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है और बीमारियों से बचा जा सकता है।

बीमारी क्या एकदम आती है?

कोई यह समझे कि स्वास्थ्य एकदम ही खराब हो जाता है और वह बिना दवा के अच्छा नहीं हो सकता। यह एक भूल है।

यदि किसी को बुखार आ गया है, तो इसका यह मतलब समझ लेना भूल है कि, आज ही बुखार का अंश शरीर में घुसकर उसे ज्वर हो गया है। ऐसा नहीं है। इस बुखार की नींव तो पहले ही शरीर में लग चुकी थी।

लोग कहते हैं कि संक्रमण अर्थात इन्फेक्शन अचानक हो गया। किंतु इंफेक्शन के रोगों के कीटाणु भी स्वस्थ लोगों में जल्दी पनप नहीं पाते है। इन्फेक्शन के कीटाणु जैसे बैक्टीरिया और वायरस उन्हीं लोगों के शरीर में अपनी जड़ जमा सकते हैं, जिनके शरीर उन कीटाणुओं के बढ़ने और पनपने योग्य होते हैं।

यदि व्यक्ति स्वस्थ है, तो उसके शरीर की रोग प्रतिरक्षात्मक प्रणाली अर्थात इम्यून सिस्टम (immune system) इतनी सबल होती है कि इंफेक्शन के कीटाणुओं का सामना कर सकती है और उन पर विजय पा सकती है। इस तरह स्वस्थ व्यक्ति इन्फेक्शन या अन्य रोगों से बचा रहता है।

इसलिए स्वस्थ शरीर पर एक एकी कैसा भी रोग क्यों ना हो, कदापि विजय नहीं पा सकता।

लोग चाहते हैं कि स्वस्थ रहें और रोगों से बचकर रहें। किंतु आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण लोग इस विषय में कुछ उदासीन से हो गए हैं। चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन फिर भी देश में आरोग्य बढ़ने के बजाय, दिन-प्रतिदिन रोगों की वृद्धि होती जा रही है।

आगे हम देखेंगे की, कैसे आप अपनी दिनचर्या, दैनिक खान-पान और आहार-विहार के जरिये अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते है। जिससे की आप निरोगी रहे और बीमारीयों से बचे रहें।

बिमारियों से बचना का पहला मंत्र – परिश्रम और व्यायाम

स्वस्थ रहने के लिए रातमें सोनेके आवश्यक नियम