अपेंडिक्स – अपेंडिसाइटिस – Appendicitis


अपेंडिक्स कोई रोग नहीं, बल्कि हमारे शरीर में,  पेट में स्थित, एक छोटा सा अंग है।

अपेंडिक्स में जब सूजन आ जाती है, तो उसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं।

लेकिन, अपेंडिसाइटिस को ही आमतौर पर, बोलचाल की भाषा में, लोग कह देते हैं कि, अपेंडिक्स हो गया है।

जबकि अपेंडिक्स तो, सभी के शरीर में स्थित, आंत से जुड़ा हुआ, एक छोटा सा अंग है। 

अपेंडिक्स क्या है?

जैसा कि नीचे के चित्र में दिखाया गया है, अपेंडिक्स एक उंगली के साइज और शेप का अंग है, जो पेट के निचले हिस्से में दाईं ओर स्थित रहता है, और यह बड़ी आंत से जुड़ा हुआ रहता है।

इसी अपेंडिक्स में इन्फ्लेमेशन अर्थात सूजन को अपेंडिसाइटिस कहते हैं।


अपेंडिसाइटिस – सारांश

Appendicitis summary

अपेंडिसाइटिस में पेट के दाहिने भाग में, निचले हिस्से में, दर्द होता है।

अधिकांश मरीजों में पहले दर्द नाभि के आसपास शुरू होता है, और फिर यह पेट के निचले दाहिने हिस्से तक फैलता है।

जैसी जैसी सूजन बढ़ती जाती है, वैसा-वैसा दर्द गंभीर होता जाता है, और बाद में बहुत ही ज्यादा तेज दर्द होने लगता है।

हालांकि यह किसी भी व्यक्ति को, और किसी भी उम्र में हो सकता है, किंतु ज्यादातर यह 10 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में होता है।

इसका इलाज, सर्जरी करके अपेंडिक्स को निकाल कर किया जाता है।

पेट में उठने वाला दर्द और उसके बाद की जाने वाली सर्जरी का सबसे आम कारण अपेंडिसाइटिस है।


अपेंडिसाइटिस के लक्षण क्या है?

  • अपेंडिसाइटिस की वजह से पेट में दाई ओर, नीचे के हिस्से में एकदम से दर्द शुरू हो जाता है।
  • कभी-कभी यह दर्द नाभि के आसपास शुरू होता है, और फिर बाद में पेट के दाई ओर निचले हिस्से में शिफ्ट हो जाता है।
  • पेट का दर्द खांसने पर, चलने पर, पेट पर हल्का सा दबाव पड़ने पर ज्यादा हो जाता है।
  • जी मिचलाना और उल्टी होना,
  • हल्का सा बुखार और यह बुखार बीमारी बढ़ने के साथ-साथ बढ़ भी सकता है,
  • भूख नहीं लगना,
  • डायरिया या कॉन्स्टिपेशन,
  • पेट फूलना और पेट में गैस जैसे लगना

अपेंडिक्स का दर्द होने पर क्या करें?

यदि ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई दे रहे हो और ऐसा लग रहा हो कि अपेंडिक्स का अटैक आ रहा है, तो खुद होकर कोई भी पेट दर्द की दवा ना ले।

अपेंडिसाइटिस का सबसे गंभीर दुष्परिणाम है, अपेंडिक्स का फट जाना और फिर पूरे पेट में इन्फेक्शन का फैल जाना।

इसलिए, लक्षण दिखाई देने के बाद, डॉक्टर से संपर्क करें, और उनके सलाह के अनुसार ही दवा ले।

यदि आपको कब्ज की शिकायत है, तो कब्ज से राहत के लिए जो दवा आप लेते हो, अपेंडिक्स के दर्द के बाद उस दवा को बिल्कुल भी ना लें।


डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई दे रहे हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

यदि पेट में अचानक से दर्द शुरू हो जाए, तो अपेंडिसाइटिस उसका एक आम कारण है, इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


अपेंडिसाइटिस क्यों होता है?

अपेंडिक्स एक छोटी सी ट्यूब के जैसा रहता है।

जिसमें यदि ब्लॉकेज हो जाए, तो बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, और उसकी वजह से उस में इंफेक्शन हो जाता है।

बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से, उसमें सूजन आ जाती है, और उसमें पस भरने लगता है।

यदि अपेंडिसाइटिस का इलाज जल्दी नहीं किया गया, तो कभी-कभी अपेंडिक्स फट भी सकता है।


अपेंडिसाइटिस के कॉम्प्लिकेशंस क्या है?

अपेंडिसाइटिस के बहुत गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं जैसे कि –

अपेंडिक्स का फटना

कभी-कभी अपेंडिसाइटिस के अटैक के बाद में, अपेंडिक्स फट सकता है, जिसकी वजह से, इंफेक्शन पूरे पेट में फैल सकता है, और दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।

यह दुष्परिणाम एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए तुरंत सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।

सर्जरी के जरिए पेट का अपेंडिक्स निकाल दिया जाता है, और पेट में फैला हुआ पस साफ किया जाता है।

पेट में पस का एक पॉकेट जैसा बन जाना

कभी-कभी अपेंडिक्स फट जाता है, किंतु उसका पस पेट में नहीं फैलता है, बल्कि एक ही जगह पर जमा होकर, वहां पस का पॉकेट जैसा बन जाता है।

इसके इलाज के लिए सर्जन उस स्थान पर एक छोटी सी ट्यूब डालते हैं।

यह ट्यूब, उस स्थान पर लगभग 2 हफ्ते तक रखते हैं, और उसमें से धीरे-धीरे पस निकाला जाता है।

साथ ही साथ एंटीबायोटिक दवाइयां भी दी जाती है।

एक बार इन्फेक्शन कंट्रोल आने के बाद, सर्जरी करके, उस संक्रमित हुए हुए अपेंडिक्स को निकाल दिया जाता है।

कभी-कभी तुरंत ही पस को निकालकर, अपेंडिक्स की सर्जरी की जाती है।


अपेंडिसाइटिस का निदान, उपचार और ऑपरेशन के बाद की सावधानियां

आगे हम देखेंगे, अपेंडिसाइटिस का निदान और उसका उपचार कैसे किया जाता है। साथ ही साथ अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए –