वजन कम करने के आसान उपाय


शरीर में चर्बी का क्या फायदा?

चर्बी मनुष्य के संपूर्ण शरीर में फैली हुई है। चमड़ी के नीचे सब कहीं चर्बी रहने से, शरीर सर्दी गर्मी की अधिकता से सुरक्षित रहता है। क्योंकि चर्बी के कारण सर्दी गर्मी शरीर में सुगमता से प्रवेश नहीं कर पाती है।

दिल, गुर्दा, जिगर आदि कोमल अंगों के नीचे चर्बी की गद्दीयां सी होती है, ताकि उन्हें कोई ठेस न लग सके।

हमारे शरीर का लगभग 15% भाग चर्बी है। स्त्रियों में पुरुषों की अपेक्षा चर्बी कुछ अधिक होती है। दुर्बल व्यक्ति के भीतर चर्बी कम होती है, इसीलिए उसके चेहरे और सीने की हड्डियां निकली हुई दिखाई देती है। स्वस्थ मनुष्य का चेहरा भरपूर दिखलाई देता है, यह चर्बी की कृपा है।

जो व्यक्ति परिश्रम तो कम करते हैं, परंतु घी, दूध, दही, अनाज और मिठाई आदि चर्बी बढ़ाने वाले पदार्थ अधिक खाते हैं, और आराम तलब होते हैं, वे बहुत मोटे हो जाते हैं।

परिश्रम से चर्बी खर्च होती है। जब परिश्रम ना हो, तो चर्बी का इकट्ठा होना आवश्यक है।

Overweight Obesity

कई व्यक्तियों की चर्बी बहुत बढ़ जाती है। उनके पेट आगे की और बुरी तरह बढ़ जाते हैं, उनकी ठोड़ी के नीचे चर्बी की एक और ठोडी बन जाती है। उनकी बाहें, छातियां, जांघें आदि अंग बहुत बेडौल से बढ़ने लगते हैं। ये लोग चर्बी की इतनी भारी मात्रा अपने शरीर पर लादे फिरते हैं, कि यह चर्बी उनके शरीर के लिए जीवन भर की आपत्ति सिद्ध होती है।

मोटापे के कई कारण

मोटापे के अनेक कारण हो सकते हैं –
अधिकांश लोग ज्यादा फैट वाले गरिष्ठ भोजन और व्यायाम की कमी के कारण मोटे बन जाते हैं। कुछ लोगों में पारिवारिक इतिहास होता है।

Obesity Family History

कुछ लोगों को मद्यपान और मांस भक्षण के दंड स्वरूप मोटापा मिलता है। कुछ लोग आरंभ में बड़े परिश्रमी और व्यायाम प्रिय होते हैं, किंतु बाद में कई कारणों से सारा परिश्रम और व्यायाम छोड़ देते हैं। और उसके बाद उनके शरीर में चर्बी ही चर्बी हो जाती है।

मोटापा बुरी बला है। मोटे मनुष्य की शक्ति भी कम होती है। वह रोगों का सामना नहीं कर सकता। जन्म से मोटापा छोड़कर, मोटापा साधारण तौर पर 35 – 40 वर्ष की आयु के पश्चात ही हमला करता है। इसके अनेक कारण हो सकते है।

मोटापा दूर कैसे करें?

अब मोटापा दूर करने के उपायों पर विचार करें।
हवा और पानी से तो चर्बी बढ़ती नहीं। मोटापे का कारण चाहे कुछ भी हो इसमें संदेह नहीं कि चरबी बनती है खाए पिए से ही। इसलिए मोटे मनुष्य के उपचार के विषय में जब भी कभी चिकित्सक ने भोजन का प्रश्न उठाया तो रोगी को झट चिंता हो जाती है कि डॉक्टर लोग बड़े बेदर्द होते हैं।

लोग चाहते है की जीभ का चस्का भी बना रहे और चर्बी भी घट जाए। निचे पांच उपाय दिए है। इनमे से जो उपाय आप अपने लिए पसंद करें, उस से काम ले। किन्तु, उपवास, व्यायाम और खाने-पीने में संयम का उपाय सबसे अच्छा है।

पहला उपाय

इस उपाय में घी दूध, दाल, रोटी आदि चर्बी उत्पन्न करने वाले सभी भोजन बंद करके केवल शाक भाजी और दूध का पानी पिने की जरुरत नहीं है।

अपनी रुचि के सभी भोजन खाए किंतु मात्रा कम कर दे। पहले पाव भर खाते थे तो आधा पाव खाए। शेष आधे पाव की कमी आपके शरीर में मौजूद चर्बी पूरी करेगी।

इसका तरीका यह है कि, भोजन करने के 4 घंटे बाद जब भूख लगे, तो उसे बनावटी भूख समझ कर एक गिलास ताजा पानी पिए। फिर दो चार घंटे बाद एक गिलास गर्म पानी में, बड़ा चम्मच शहद मिलाकर पिए।

दस दिन इस प्रकार करके अपना वजन देखें। आपको शरीर में हल्कापन महसूस होगा और वजन कम दिखाई देगा।

दूसरा उपाय

जब भूख लगे तब केवल गाय का दूध पिए, अथवा टमाटर और साग सब्जी का पतला पानी पिए। अन्य कुछ भोजन नहीं। सादा पानी पी सकते हैं। दो महीने में शरीर का भार बहुत कम हो जाएगा। सारी चर्बी जल में बदल जाएगी।

तीसरा उपाय

पपीता, संतरा, सेब, नाशपाती, अनार, गाजर में से किसी एक का रस दिन में 5-6 बार पी सकते हैं। और कुछ नहीं खाना। दो महीने में बहुत अच्छा परिणाम प्रकट होगा।

चौथा उपाय

दो से तीन दिन पूरा उपवास रखें। फिर दो दिन ऊपर लिखे अनुसार भोजन। फिर 2 से 3 दिन का उपवास, फिर ऊपर लिखे अनुसार भोजन। यह विधि भी 2 महीने में बहुत सफलता दिलाएगी।

उचित व्यायाम करें

सभी उपायों के साथ में उचित व्यायाम करना चाहिए। उचित व्यायाम का अर्थ उतने व्यायाम से है, जितना कि आपका शरीर सहन कर सके, और थोड़ा सा पसीना आ जाए। 10 – 15 मिनट भारी व्यायाम करने की अपेक्षा, आधा या पौन घंटा हल्का व्यायाम बेहतर है।

सुबह और शाम के समय खाली पेट, कम से कम 5 मिनट के लिए, पेट को बलपूर्वक भीतर की ओर खींचते रहे, मानो उसे पीठ के साथ लगाने लगे हो। हाथ से पेट नहीं दबाना, स्वयमेव ऐसा हो सकता है। इस क्रिया से रक्त को प्रवाह मिलता है, चर्बी की तहे टूटती है और बार-बार के इस व्यायाम से पेट की चर्बी पिघल कर पेट का बढ़ाव घट जाता है।