
नियमित व्यायाम एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक है। यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
व्यायाम के अनेक लाभ हैं और यह सभी उम्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम से उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, और अन्य दिल संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।
यदि आप पहले से व्यायाम नहीं करते हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें और धीरे-धीरे अपनी गतिविधि के स्तर को बढ़ाएं। व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना भी महत्वपूर्ण है।
व्यायाम से शरीर को अनेक लाभ मिलते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
शारीरिक लाभ और स्वास्थ्य
हृदय और फेफड़ों का स्वास्थ्य
व्यायाम हृदय रोगों का जोखिम कम करता है। व्यायाम से ह्रदय की सेहत में सुधार होता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
नियमित व्यायाम रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो हृदय रोगों के प्रमुख खतरे हैं। इसलिए व्यायाम से हाई कोलेस्ट्रॉल, कोरोनरी आर्टरी रोग और हार्ट अटैक के रिस्क को कम करने में मदद मिलती है।
नियमित व्यायाम हृदय और फेफड़ों को मजबूत बनाता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
वजन नियंत्रण
व्यायाम वजन नियंत्रण में मदद करता है और ओबेसिटी जैसी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
व्यायाम कैलोरी जलाने में मदद करता है, जिससे वजन कम करने और उसे बनाए रखने में मदद मिलती है।
हड्डियों और मांसपेशियों का स्वास्थ्य
व्यायाम हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
व्यायाम हड्डियों को घना बनाता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे चोटों का खतरा कम होता है।
लचीलापन और गतिशीलता में सुधार करता है। व्यायाम शरीर को अधिक लचीला और गतिशील बनाता है, जिससे दैनिक कार्यों को करने में आसानी होती है।
मधुमेह में लाभ
व्यायाम मधुमेह का खतरा कम करता है।
व्यायाम मांसपेशियों को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
बेहतर पाचन क्रिया
व्यायाम पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है।
बेहतर नींद के लिए
व्यायाम नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
व्यायाम से गहरी नींद आती है, जिससे शरीर और दिमाग को आराम मिलता है।
ऊर्जा स्तर
व्यायाम ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है।
व्यायाम शरीर में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे थकान कम होती है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
मानसिक स्वास्थ्य
व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। व्यायाम से तनाव, चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
तनाव और चिंता
व्यायाम तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
व्यायाम तनाव हार्मोन के स्तर को कम करता है और एंडोर्फिन जैसे “खुशी” हार्मोन को बढ़ाता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
अवसाद
व्यायाम अवसाद से लड़ने में मदद करता है, अवसाद के लक्षणों को कम करता है और मनोदशा को बेहतर बनाता है।
व्यायाम अवसाद के लक्षणों को कम करने में प्रभावी होता है और एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के समान लाभ प्रदान कर सकता है।
आत्मविश्वास और आत्मसम्मान
व्यायाम आत्मविश्वास को बढ़ाता है और आत्म-सम्मान को बेहतर बनाता है।
व्यायाम करने से व्यक्ति अपने शरीर और अपनी क्षमताओं के बारे में बेहतर महसूस करता है, जिससे आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ता है।
एकाग्रता और स्मृति
व्यायाम एकाग्रता और याददाश्त को बेहतर बनाता है।
व्यायाम मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे एकाग्रता और स्मृति में सुधार होता है।
सामाजिक स्वास्थ्य
सामाजिक संपर्क और जुड़ाव को बढ़ाता है: व्यायाम करने से अन्य लोगों से मिलने और जुड़ने का अवसर मिलता है, जिससे सामाजिक संपर्क और जुड़ाव बढ़ता है।
आत्म-अनुशासन और आत्म-नियंत्रण को बढ़ाता है: व्यायाम करने के लिए नियमितता और अनुशासन की आवश्यकता होती है, जो आत्म-अनुशासन और आत्म-नियंत्रण को बढ़ाता है।
जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है: व्यायाम से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कुल मिलाकर, व्यायाम एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है।
व्यायाम के विभिन्न प्रकार
व्यायाम के अनेक प्रकार हैं, जैसे:
एरोबिक व्यायाम: यह व्यायाम हृदय और फेफड़ों को मजबूत बनाता है। इसमें दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना, और नृत्य शामिल हैं।
मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाला व्यायाम: यह व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत और टोंड बनाता है। इसमें भार उठाना, योग, और पुश-अप्स शामिल हैं।
लचीलेपन को बढ़ाने वाला व्यायाम: यह व्यायाम शरीर को लचीला बनाता है और चोट लगने का खतरा कम करता है। इसमें स्ट्रेचिंग और योग शामिल हैं।
व्यायाम शुरू करने से पहले
व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर आपके लिए उपयुक्त व्यायाम का प्रकार और मात्रा बता सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- अपने स्वास्थ्य और फिटनेस स्तर के अनुसार व्यायाम का चुनाव करें।
- धीरे-धीरे शुरुआत करें और धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता और अवधि को बढ़ाएं।
- व्यायाम के बाद शरीर को आराम दें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें, आदर्श रूप से सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम।
- यदि आपको कोई दर्द या परेशानी महसूस हो तो व्यायाम करना बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करे।
व्यायाम और स्वास्थ्य
यदि हमें उत्तम भोजन और शुद्ध वायु प्राप्त हो, पर हम उचित व्यायाम और विश्राम न करें, तो भी हम स्वस्थ नहीं रह सकते। व्यायाम न करने से शरीर आलसी और रोगी हो जाता है।
व्यायाम करने से मनुष्य फुर्तीला और क्रियाशील हो जाता है तथा वह स्वस्थ और निरोगी रहता है। निरोग मनुष्य का शरीर और मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित होता है तथा उसमें आत्मविश्वास की भावना प्रचुर मात्रा में आ जाती है। आत्मविश्वास की भावना मनुष्य में आ जाना उसकी उन्नति का निश्वित मार्ग है।
भोजन से प्राप्त हुए पोषक तत्वों को रक्त ही शरीर के सभी अंगो तक पहुँचाता है। तथा उनके मल पदाथों को मल विसर्जन में भाग लेने वाले अंगों, जैसे किडनी और लीवर तक ले जाता है। इसलिए रक्त का नियमित रूप से और उचित मात्रा में शरीर में संचार होना स्वास्थ्य के लिये बहुत महत्व रखता है।
जिस समय हम कोई शारीरिक कार्य नहीं करते और चुपचाप आलसी की भांति लेटे रहते, हमारा सारा शरीर, शिथिल रहता है। ऐसी अवस्था में रक्त-संचार की गति भी धीमी रहती है।

परिणाम स्वरूप शरीर के सभी अंगो को पोषकतत्त्व कम मात्रा में पहुँच पाते है तथा उनके मल पदार्थ भी धीमी गति से वहाँ से दूर हो पाते हें। आलसी और सुस्त व्यक्ति की पाचन-क्रिया भी ठीक से नहीं हो पाती, जिसके फलस्वरूप भोजन का शरीर में ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाता है। भोजन का उचित इस्तेमाल न होने से अनेक प्रकार के रोग हो जाते है।
इसके विपरीत जो व्यक्ति क्रियाशील प्रकृति का होता है, उसका स्वास्थ्य सदैव अच्छा रहता है।
व्यायाम के लाभ –
(१) कोई शारीरिक काम करते समय अथवा व्यायाम करते समय हमारे अंगो में गति होती है। इस गति के कारण रक्त-संचार तीव्र गति से होता है।
रक्त-संचार ठीक से होने के कारण हमारे अंगो को पोषक तत्त्व सही मात्रा में प्राप्त होते हैं तथा उनके मलपदार्थ शीघ्रता से रक्त द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

(२) व्यायाम करते समय हमारे श्वास की गति बढ़ जाती है और हम साँस जल्दी-जल्दी लेते है, जिससे फेफड़ों में शुद्ध वायु अधिक मात्रा में पहुँचती है।
इस प्रकार रक्त को अधिक आक्सिजन प्राप्त हो जाती है तथा उसमें की कार्वन डाइऑक्साइड शीघ्रता से बाहर निकल जाती है।
(३) त्वचा में रक्त-संचार शीघ्रता से होने के कारण पसीना अधिक मात्रा में आता है, जिससे रक्त का यूरिया और यूरिक एसिड अधिक मात्रा में शीघ्रता से दूर हो जाते हैं।
(४) रक्त-सचार तीव्रता से होने के कारण हृदय की गति बढ़ जाती है जिससे उसका भी पर्याप्त मात्रा में व्यायाम हो जाता है। ऐसा होने से हृदय दृढ़ बनता है और स्वस्थ रहता है।
(४) रक्त के पोषक तत्त्व शीघ्रता से विभिन्न अंगो में पहुँचने के कारण शीघ्र कम हो जाते हैं जिससे हमें भोजन की आवश्यकता प्रतीत होती है। फलस्वरूप भूख ठीक से लगती है, भोजन अच्छी प्रकार पच जाता है और शरीर में भोजन का इस्तेमाल भी ठीक प्रकार से हो जाता है।
इन सबका सम्मिलित प्रभाव हमारे शरीर को स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट बनाता है।
व्यायाम कैसे और कब करना चाहिए –
व्यायाम सदैव खुली हवा में करना चाहिए जिससे शुद्ध वाायु प्राप्त हो। गंदी हवा में व्यायाम करने से गंदी हवा अधिक मात्रा में शरीर में पहुँच कर अधिक हानि पहुंचायेगी। इसके अतिरिक्त व्यायाम के सम्बन्ध में निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए –
(१) भोजन करने के तुरन्त बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार व्यायाम करने के तुरन्त बाद हो भोजन भी नहीं करना चाहिए।
(२) तुरन्त स्नान करने के बाद व्यायाम करना या व्यायाम करने के तुरन्त बाद नहाना दोनों ही हानिप्रद है।
(३) व्यायाम अपनी शक्ति को समझ कर करना चाहिए। शक्ति से अधिक व्यायाम करना भी हानि पहुँचाता है। अपनी सामर्थ्य से अधिक कठिन या लगातार देर तक व्यायाम करने से हानि पहुँचती है। ऐसा करने से श्वास व हृदय के रोग हो जाते है।
अघिक परिश्रम करने से मासपेशियां दृढ़ और स्वस्थ होने के स्थान पर अशक्त और अस्वस्थ हो जाती हैं। हम कितना व्यायाम करें यह हमारी आयु, कार्य, भोजन और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
व्यायाम के प्रकार – विभिन्न प्रकार के खेल हाकी, फुटबाल, कबड्डी आदि, झूला झूलना, तैरना, दौड़ना व टहलना व्यायाम के विमिन्न रूप है। इनमें से किसी न किसी प्रकार का व्यायाम प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। व्यायाम स्त्री व पुरुष दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है।
वृद्ध व्यक्तियो के लिए टहलना सबसे अधिक उपयुक्त व्यायाम है। छोटे वालको के लिए दौडना तथा अन्य शारीरिक परिश्रम के खेल उपयुक्त होते है।