नर्वस सिस्टम – Nervous system – तंत्रिका तंत्र


हम हर रोज कई तरह के कार्य करते हैं। और ये कार्य विभिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे उठना, बैठना, आँखों को खोलना और बंद करना, हाथों को ऊपर-नीचे हिलाना आदि। ये सभी क्रियाएं हम देख सकते हैं।

जबकि कुछ क्रियाएं ऐसी हैं, जिन्हें हम देख नहीं सकते हैं। जैसे सोचना, सीखना, याद रखना…।

और कुछ क्रियाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें हम केवल महसूस कर सकते हैं, जैसे कि भूख और प्यास महसूस करना, दर्द, धड़कन, गर्माहट।

सर्दियों में गर्म या ऊनी कपड़े पहनते है। प्यास लगने पर पानी पीते है। थकान होने पर आराम करते है।

ये सभी कार्य शरीर के अलग अलग सिस्टम द्वारा किये जाते हैं। लेकिन, मानव शरीर तभी ठीक से काम कर सकता है, जब ये सभी अंगो के काम समन्वित हो, और शरीर एक इकाई के रूप में काम करें।

तो इन सभी कार्यों को कैसे प्रबंधित और नियंत्रित किया जाता है?

यह समन्वय नर्वस सिस्टम (एंडोक्राइन सिस्टम का उपयोग करके) द्वारा किया जाता है।

मेडिकल शब्दों के हिंदी अर्थ:
नर्वस सिस्टम (nervous system ) – तंत्रिका तंत्र

ब्रेन (brain) – मस्तिष्क

स्पाइनल कॉर्ड (spinal cord) – मेरुदण्ड

नर्व, नर्व्स (nerve, nerves) – नस, नसें

नर्वस सिस्टम में ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और उनसे उत्पन्न होने वाली नसें शामिल हैं।

नर्वस सिस्टम हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय और विनियमन करता है। अर्थात तंत्रिका तंत्र शरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।

नर्वस सिस्टम में विभिन्न प्रकार की नसें होती हैं। ये नसें हमारे शरीर के सभी हिस्सों से जुड़ी होती हैं। और इन नर्व्स की मदद से शरीर के सभी हिस्सों को नियंत्रित किया जाता है।
ये नसें शरीर के सभी हिस्सों के कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

नसें अति विशिष्ट कोशिकाओं से बनी होती है, जिन्हें न्यूरॉन्स कहा जाता है।

कार्यों के आधार पर नर्वस सिस्टम को तीन प्रमुख भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

  1. सेंट्रल नर्वस सिस्टम
  2. पेरीफेरल नर्वस सिस्टम और
  3. सेंस ऑर्गन्स

सेंट्रल नर्वस सिस्टम:

सेंट्रल नर्वस सिस्टममें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड शामिल है।

ब्रेन सेंट्रल नर्वस सिस्टम का मुख्य अंग है और यह खोपड़ी में सुरक्षित रहता है।

मस्तिष्क तीन भागों में विभाजित है:
फोरब्रेन
मिडब्रेन
हाइंडब्रेन

फोरब्रेन:
यह मस्तिष्क का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसमें बोलने, सोचने, पहचानने, याद रखने जैसी क्रियाओं को नियंत्रित करने के केंद्र हैं।

मिडब्रेन:
इसमें हाथ, पैर और अन्य अंगों को को नियंत्रित करने के केंद्र हैं। और इस प्रकार यह शरीर को संतुलित करता है।

हाइंडब्रेन:
इसमें शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं जैसे पाचन, श्वसन, दिल की धड़कन आदि को नियंत्रित करने के लिए केंद्र हैं।

स्पाइनल कॉर्ड:
स्पाइनल कॉर्ड, मस्तिष्क के निचले हिस्से से फैली नसों का हिस्सा है। यह रीढ़ की हड्डी में सुरक्षित रहता है। यह रीढ़ से गुजरता है और कमर के अंत तक पहुंचता है।

यह मस्तिष्क और नसों के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करता है, जो पूरे शरीर में फैली रहती हैं।

स्पाइनल कॉर्ड मस्तिष्क से प्राप्त संदेशों को शरीर के विभिन्न भागों में ले जाने का काम करता है और शरीर के विभिन्न भागों में महसूस होने वाली संवेदनाओं को मस्तिष्क तक ले जाता है।

प्रतिवर्ती क्रिया के समय अर्थात ऐसी क्रिया जिसमें तुरंत एक्शन की जरूरत होती है, उस समय स्पाइनल कॉर्ड मस्तिष्क तक सेंसेशन भेजने के बजाय खुद ही तुरंत आदेश दे देता है। जैसे की, धुल का कण आँख में जाने के पहले ही आँखों की पलकों को तुरंत बंद कर लेना, किसी भी गर्म चीज को छूते ही हाथ तुरंत हटा लेना ताकि हाथ जल ना जाए आदि।

ऐसी प्रतिवर्ती क्रियाओं के समय मस्तिष्क शामिल नहीं होता है, बल्कि स्पाइनल कॉर्ड तुरंत रेस्पॉन्स के लिए आदेश दे देता है।

पेरीफेरल नर्वस सिस्टम:
पेरीफेरल नर्वस सिस्टम मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड से उत्पन्न होने वाली विभिन्न नसों से बना है। ये नसें पूरे शरीर में फैली रहती हैं।

मानव शरीर में तीन प्रकार की नसें होती हैं।

सेंसरी नर्व्स
मोटर नर्व्स
मिक्स्ड नर्व्स

सेंसरी नर्व्स:
सेंसरी नर्व्स संदेश को शरीर के विभिन्न भागों से मस्तिष्क तक ले जाती हैं।

मोटर नर्व्स:
मोटर नर्व्स मस्तिष्क से शरीर के विभिन्न अंगों तक संदेश पहुंचाती हैं।

मिक्स्ड नर्व्स:
मिक्स्ड नर्व्स संदेश दोनों दिशाओं में ले जाते हैं अर्थात शरीर के अंगों से मस्तिष्क तक और मस्तिष्क से अंगों तक।